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गया में पिंडदान के लिए हो रही ऑनलाइन बुकिंग

हिंदू धर्म में पितरों की आत्मा की शांति एवं मुक्ति के लिए पिंडदान अहम कर्मकांड है अश्विन मास के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष या महालय पक्ष कहा जाता है. इस अवधि के दौरान लोग पिंडदान करते हैं. बिहार का गया पिंडदान के लिए सबसे उपयुक्त स्थल है. यहां पिंडदान के लिए अब ऑनलाइन बुकिंग की जा रही है.

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हिंदू धर्म में पितरों की आत्मा की शांति एवं मुक्ति के लिए पिंडदान अहम कर्मकांड है अश्विन मास के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष या महालय पक्ष कहा जाता है. इस अवधि के दौरान लोग पिंडदान करते हैं. बिहार का गया पिंडदान के लिए सबसे उपयुक्त स्थल है. यहां पिंडदान के लिए अब ऑनलाइन बुकिंग की जा रही है.

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इस वर्ष पितृपक्ष (12 से 27 सितम्बर) के दौरान गया में लाखों लोगों के पहुंचने की सम्भावना है. आगंतुकों की सुविधाओं का ख्याल रखते हुए राज्य पर्यटन विभाग ने नई पहल की है. पिंडदान के लिए ऑनलाइन बुकिंग की जा रही है, जबकि गया आने वाले पिंडदानियों के लिए कई तरह के पैकेज की घोषणा की गई है.

राज्य के पर्यटन मंत्री सुनील कुमार पिंटू ने बताया कि यह नई शुरुआत है. उन्होंने बताया कि इसके जरिए कोई भी व्यक्ति दुनिया के किसी भी स्थान से बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम की वेबसाइट पर जाकर पिंडदान से जुड़े विभिन्न पैकेजेज की बुकिंग करा सकता है. इसके लिए वेबसाइट पर ई-मेल आईडी के अलावा बैंक खाता संख्या भी उपलब्ध है.

निगम के एक अधिकारी के अनुसार, बुकिंग जारी है, और साथ ही कई लोग इसके बारे में जानकारी भी प्राप्त कर रहे हैं. अधिकारी ने बताया कि मांगी गई तिथि से कम से कम सात दिन पहले साइट पर बुकिंग की पुष्टि कर दी जाएगी.

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अधिकारी ने बताया कि निगम की ओर से 1,475 रुपये से लेकर 7,000 रुपये तक के पैकेज पिंडदानियों के लिए उपलब्ध हैं. इसमें पिंडदान के लिए पंडित की दक्षिणा, सामग्री, ठहरने के लिए कमरा, भोजन, हवाईअड्डे या रेलवे स्टेशन से लाने-ले जाने तथा आसपास के दर्शनीय स्थलों की सैर कराने तक की सुविधाएं शामिल हैं. अलग-अलग पैकेजेज में अलग-अलग तरह की सुविधाएं हैं.

गया के बारे में मान्यता है कि पिंडदान के लिए इस मोक्षदायिनी भूमि में 45 वेदियां विद्यमान हैं, जहां पिंडदान किया जाता है. फल्गु नदी के तट पर बसे गया में विष्णुपद मंदिर के अलावा अन्य पिंड स्थलों में रामशिला, प्रेतशिला, मंगला गौरी, सूर्यकुंड, गोप्रचारिणी, ब्रह्मसरोवर, फल्गु घाट प्रमुख हैं.

गया के पंडा बद्रीनाथ बताते हैं कि इंटरनेट के अलावा बड़ी संख्या में श्रद्धालु फोन द्वारा सम्पर्क कर जानकारी हासिल कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस बार पिछले वर्ष से अधिक भीड़ आने की सम्भावना है.

गया की जिलाधिकारी वंदना प्रेयसी कहती हैं कि पितृपक्ष में अत्यधिक भीड़ की सम्भावना के मद्देनजर व्यवस्था काफी सुदृढ़ की जा रही है. उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए पेयजल एवं बिजली के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं.

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