वैज्ञानिकों ने बारहसिंगे के दातों से बने 20,000 साल पुराने पैंडेंट की मालकिन को ढूंढ निकाला है. प्राचीन डीएनए की पहचान करने के लिए एक नए तरीके का इस्तेमाल किया गया था. इससे उस डीएनए का पता लगाया जा सकता है, जो त्वचा के सेल्स, पसीने और शरीर के अन्य तरल पदार्थों में मौजूद रहता है और हजारों साल पहले किसी के द्वारा इस्तेमाल जानवरों की हड्डियों, दांतों और किसी अन्य सामान में अवशोषित हो जाता है.
ये वो सामान था, जिसे निजी तौर पर इस्तेमाल किया जाता था, जैसे पैंडेंट, नेकलेस, ब्रेसलेट और अंगूठी. इससे प्राचीन समय के लोगों के व्यवहार और परंपरा की जानकारी मिलती है. हालांकि संबंधित सामान वाकई में किस शख्स का था, ये जानने में परेशानी जरूर होती है.
वैज्ञानिकों ने इस 20,000 साल पुराने पैंडेंट को लेकर ये जानकारी दी है कि यह साइबेरिया की एक गुफा में पाया गया था. इसे पाषाण युग की एक महिला पहना करती थी. जो उन लोगों की आबादी में से एक थी, जो शिकार किया करते थे. ऐसा माना जाता है कि ये आबादी गुफा वाली जगह के पूर्वी हिस्से में रहती थी.
Traces from the past. Intl. team recovers an ancient woman’s #DNA from the surface of a 20,000-year-old pendant. Study led by @ElenaEssel, Matthias Meyer & @MarieSoressi now out in @Nature. @MPI_EVA_Leipzig @UniLeidenNews See: https://t.co/v9q9LhtDjR & https://t.co/48Wdq0qmV2 pic.twitter.com/Nm7pQahQc8
— MPI-EVA Leipzig (@MPI_EVA_Leipzig) May 3, 2023
रिसर्चर्स को खुदाई में मिला था पैंडेंट
जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी की मॉलीक्युलर बायोलॉजिस्ट एलेना एस्सेल का कहना है, 'मुझे गहरे अतीत की ये वस्तुएं बेहद आकर्षक लगती हैं क्योंकि ये हमें समय में काफी पीछे यात्रा करने के लिए एक छोटी सी खिड़की खोलने और इन लोगों के जीवन पर एक नजर डालने की अनुमति देती हैं.'
एस्सेल ही जर्नल नेचर में बुधवार को छपने वाली इस स्टडी की प्रमुख लेखिका हैं. इस पैंडेंट को 19000-25,000 साल पुराना माना जा रहा है. इसे निकालने वाले रिसर्चर्स ने खुदाई करते और इसे पकड़ते वक्त हाथों में गलव्स और चेहरे पर मास्क पहना हुआ था. ताकि इसमें किसी भी तरह से आधुनिक समय का डीएनए मिक्स न हो जाए.