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1.58 करोड़ में बिकी 332 रुपये की पेंटिंग, कूड़ा समझकर डाला थी स्टोर में, निकला खजाना

न्यूहैंपशायर की एक महिला ने अपने घर में पड़ी पुरानी पेंटिंग की तस्वीर बस यूं ही सोशल मीडिया पर शेयर कर दी. इसके बाद उसे मालूम हुआ कि जिस पेंटिंग को वो पुरानी और बेकार समझ रही है वह दरअसल डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा की है.

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फोटो- bonhamsskinner@instagram
फोटो- bonhamsskinner@instagram

 कई बार लोगों के पास कोई बेशकीमती चीज होती है और उन्हें इसका अंदाजा ही नहीं होता है. हाल में न्यू हैम्पशायर की एक महिला के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. उसने घर में बेकार पड़ी एक पुरानी पेंटिंग की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर कर दी. इसके बाद उसे उस पेंटिंग के बारे में जो मालूम हुआ वह हैरान करने वाला था.  महिला को मालूम हुआ कि जिस पेंटिंग को वह मामूली समझ रही थी वह तो दरअसल करोड़ों की है.

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332 रुपये में खरीदी, 1.58 करोड़ रुपये में बिकी

अब न्यू हैम्पशायर थ्रिफ्ट स्टोर से केवल 4 डॉलर (332 रुपये) में खरीदी गई ये पेंटिंग 191,000 डॉलर (1.58 करोड़ रुपये ) में नीलाम हुई. ये अपने आप में हैरान करने वाली बात है कि भला इतने सस्ते में खरीदी गई पेंटिंग के लिए अचानक किसी ने इतने अधिक पैसे कैसे दे दिए?

क्या खास था पेंटिंग में?

दरअसल, विशेषज्ञों के अनुसार जाने माने आर्टिस्ट एन.सी. वायथ की लंबे समय से खोई हुई पेंटिंग थी. ये एक मास्टरपीस थी. रमोना नामक पेंटिंग, पेंसिल्वेनिया स्थित कलाकार द्वारा हेलेन हंट जैक्सन की 1884 की पुस्तक रमोना के 1939 संस्करण के लिए बनाई गई चार पेंटिंग में से एक थी. पेंटिंग में एक अनाथ युवा महिला को अपनी सौतेली माँ के साथ संघर्ष में दर्शाया गया है.

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पुरानी मानकर स्टोर रूम में डाल दी थी

ऑक्शन हाउस बोनहम्स स्किनर ने कहा कि विशेषज्ञों ने इस पेंटिंग को खोया हुआ मान लिया था, लेकिन यह न्यू हैम्पशायर की एक महिला के पास मिली तो लोग हैरान रह गए. महिला ने कहा कि उसने यह पेंटिंग अपने स्थानीय सेवर्स थ्रिफ्ट स्टोर से 4 डॉलर (332 रुपये) में खरीदी थी और स्टोर रूम में फेंकने से पहले वह लंबे समय तक घर की सजावट में लटकी हुई थी.

म्यूजियम ने कॉन्टेक्ट किया तो...

फेसबुक पर इसकी एक तस्वीर पोस्ट करने के बाद उन्हें पेंटिंग की असली पहचान का पता चला. इसके बाद उनसे चाड्स फोर्ड, पीए में ब्रांडीवाइन संग्रहालय में क्यूरेटर और मेन में लॉरेन लुईस नाम के पूर्व वायथ क्यूरेटर से संपर्क करने का आग्रह किया गया. इतने सब के बाद उन्हें मालूम हुआ कि उनके पास दरअसल एक एतिहासिक पेंटिंग है.


 

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