पाकिस्तान की एक अदालत ने वेलेंटाइंस डे और सोशल मीडिया पर इसके प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दी है. इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने उस याचिका पर आदेश जारी किया जिसमें दलील दी गई है कि वेलेंटाइंस डे गैरइस्लामी है.
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यह याचिका अब्दुल वहीद नामक एक व्यक्ति ने दायर की है जिसके राजनीतिक रुझान के बारे में पता नहीं चल पाया है. याचिकाकर्ता ने दलील दी कि वेलेंटाइंस डे मुस्लिम परंपरा का हिस्सा नहीं है और मुख्यधारा एवं सोशल मीडिया में इसके प्रचार-प्रसार पर पाबंदी लगनी चाहिए.
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अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली और प्रशासन को आदेश दिया कि देश में वेलेंटाइंस डे मनाने पर रोक लगाई जाए. उसने कहा कि इस आदेश पर तत्काल अमल होना चाहिए.
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अदालत ने सूचना मंत्रालय, पाकिस्तान इलेक्ट्रानिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पेमरा) और इस्लामाबाद के मुख्य आयुक्त से कहा है कि वे इस आदेश पर पूरी तरह अमल सुनिश्चित करें.
राष्ट्रपति ने भी दी थी दलील
पाकिस्तान में वेलेंटाइंस डे को लेकर हर साल विवाद खड़ा होता है, लेकिन यह पहली बार है कि किसी उच्च न्यायालय ने इसे मनाने पर रोक लगाई है. पिछले साल राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने दलील दी थी कि पाकिस्तान में वेलेंटाइंस डे नहीं मनाना चाहिए. उनका कहना था कि वेलेंटाइंस डे का देश की संस्कृति से कोई संबंध नहीं है और इसको नजरअंदाज करना चाहिए.