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पिंजरे में 3 साल से अकेली तोता ने दिए 3 अंडे

इसे कुदरत का करिश्मा कहें या कुछ और, मगर एक मादा तोते ने पिंजरे में तीन साल अकेली रहते हुए तीन अंडे दिए. उत्तर प्रदेश की राजधानी के चौक इलाके में रहने वाले एक परिवार में रह रही तोते ने एक सप्ताह के अंदर तीन अंडे दिए हैं. इस तोते को देखने के लिए लोगों का दिन भर हुजूम लगा रहता है.

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इसे कुदरत का करिश्मा कहें या कुछ और, मगर एक मादा तोते ने पिंजरे में तीन साल अकेली रहते हुए तीन अंडे दिए. उत्तर प्रदेश की राजधानी के चौक इलाके में रहने वाले एक परिवार में रह रही तोते ने एक सप्ताह के अंदर तीन अंडे दिए हैं. इस तोते को देखने के लिए लोगों का दिन भर हुजूम लगा रहता है.

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चौक इलाके के सराय माली खां चौपटिया रोड में रहने वाले प्रेमचंद रस्तोगी अपनी पत्नी सुशीला रस्तोगी, बेटे संजीव रस्तोगी, बहू बरखा रस्तोगी, पोते प्रजल रस्तोगी और पोती एंजिल रस्तोगी के साथ रहते हैं. प्रेमचंद सोने-चांदी का कारोबार करते हैं.

उनके बेटे संजीव ने मंगलवार को बताया कि तीन साल पहले एक तोता पाला था, जो पिंजरे में बंद रहता है, उसे ज्यादातर कमरे के अंदर ही रख जाता है. उनका नाम मिट्ठू रखा था. तीन साल के दौरान अकेले रहने वाले तोते ने 12 अप्रैल को पिंजरे के अंदर एक अंडा दिया. इसे देख घरवाले अचंभित हो गए. तब पता चला कि यह मादा है. यह बात उन्होंने पड़ोसियों को बताई तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ.

तोते ने 16 अप्रैल को दूसरा और 19 अप्रैल को तीसरा अंडा दिया. मादा तोते का तीन अंडे देना इलाके में चर्चा का विषय है. उसे देखने के लिए दिन भर लोगों का तांता लगा रहता है.

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प्रेमचंद की बहू बरखा ने बताया कि 11 अप्रैल को रात में सोते समय देखा तो तोते के पिंजरे में कुछ नहीं था. सुबह सोकर उठे और पिंजरा देखा तो उसमें एक अंडा देखा. इसके बाद मिट्ठू ने दो अंडे और दिए.

उन्होंने कहा, 'हमें विश्वास नहीं हो रहा कि यह सब कैसे हुआ. इसे चमत्कार या कुदरत का करिश्मा कहें.'

बरखा रस्तोगी अपने घर आए लोगों को तोते की कहानी दिनभर बताते नहीं थकतीं.

- इनपुट IANS

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