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आर्थिक और सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है प्रधानमंत्री का मास्को व बीजिंग दौरा

प्रधानमंत्री, रूस और चीन की अपनी पांच दिन की यात्रा के पहले चरण में रविवार को मॉस्को के लिए रवाना हो गए हैं. उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के साथ व्यापार, उद्योग, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी और ऊर्जा के क्षेत्र में कई समझौतों तथा सहमति-पत्रों पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं.

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मनमोहन सिंह
मनमोहन सिंह

प्रधानमंत्री, रूस और चीन की अपनी पांच दिन की यात्रा के पहले चरण में रविवार को मॉस्को के लिए रवाना हो गए हैं. उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के साथ व्यापार, उद्योग, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी और ऊर्जा के क्षेत्र में कई समझौतों तथा सहमति-पत्रों पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं.

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डॉक्टर मनमोहन सिंह सोमवार को मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ वार्ता करेंगे. प्रधानमंत्री मॉस्को यात्रा के दौरान चौदहवीं भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक में भी भाग लेंगे. प्रधानमंत्री अपनी रूस यात्रा के दौरान कुडनकुलम में दो नये परमाणु रीएक्टर लगाने पर समझौता होने को लेकर आश्वस्त हैं. उन्होंने कहा कि इसे जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जायेगा.

मनमोहन ने इस बात पर जोर देते हुये कहा कि दोनों देशों के बीच परमाणु उर्जा उत्पादन के क्षेत्र में सहयोग लगातार जारी रहेगा. उन्होंने पश्चिम बंगाल में परमाणु रीएक्टर लगाने के लिये पहले प्रस्तावित हरिपुर को उपयुक्त नहीं पाये जाने की स्थिति में रूस को एक और स्थान की पेशकश की है.

दुनिया के दो शक्तिशाली देशों रूस व चीन की यात्रा पर रवाना होने की पूर्व संध्या पर शनिवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जहां परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहायता के लिए रूस की सराहना की, वहीं मास्को के साथ गैस और तेल के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की भारत की इच्छा भी जताई. अगले वर्ष 2014 में होने जा रहे आम चुनाव से पहले यह संभवत: उनकी अंतिम विदेश यात्रा होगी. दोनों देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य हैं और विश्वस्तर के महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं.

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मास्को की यात्रा के दौरान जहां ऊर्जा, रक्षा और व्यापार का मुद्दा शीर्ष पर रहने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है, वहीं बीजिंग यात्रा के दौरान सीमा पर टकराव को टालने और व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने पर जोर रह सकता है. उन्होंने कहा, 'जब दूसरों ने हमारे साथ परमाणु व्यापार किया तब भारत में परमाणु ऊर्जा के विकास में रूसी सहयोग की हम तहे दिल से सराहना करते हैं'

हाइड्रोकार्बन क्षेत्र को 'प्राथमिकता वाला' के रूप में होने का संकेत देते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, 'हम रूस से हाईड्रोकार्बन के सीधे सतह परिवहन के लिए प्रस्ताव की संभाविता पर विचार कर रहे हैं. इसके साथ ही रूस के तेल एवं गैस सेक्टर में हमारी भागीदारी बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं.' आर्थिक सहयोग के मोर्चे पर मनमोहन सिंह की यात्रा के दौरान बेलारूस, कजाकिस्तान एवं रूस की सदस्यता वाले कस्टम्स यूनियन के साथ मुक्त व्यापार समझौते का मुद्दा उठने की संभावना है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) समूह को आकार देने वालों में मुख्य भूमिका निभाने वाला करार देते हुए उन्होंने कहा कि अभी इसके विस्तार का कोई प्रस्ताव नहीं है.

इसके अलावा सूत्रों के मुताबिक पिछले महीने हादसे का शिकार बनी पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक की जांच के परिणाम की भी मांग की है. रूस निर्मित किलो क्लास यह पनडुब्बी एक विस्फोट के बाद डूब गई, जिसमें सवार 18 लोग मारे गए.

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इस यात्रा के अगले चरण में 22 से 24 अक्टूबर तक प्रधानमंत्री बीजिंग की यात्रा पर रहेंगे. बीजिंग यात्रा के दौरान सीमा रक्षा सहयोग समझौता के अलावा नत्थी वीजा व अरुणाचल मसले सहित सीमा मुद्दा के छाए रहने की उम्मीद है. समझौते का उद्देश्य 4000 किलोमीटर सीमा क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाओं के बीच टकराव की स्थिति को टालना है.

खबरों के मुताबिक भारत ने सीमा पर आधारभूत ढ़ांचे के विकास को जस का जस रखने के चीन की मांग को ठुकरा दिया है और इस बात पर जोर दिया है कि लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में विकास से लोगों को फायदा होगा.

राष्ट्रपति झी जिंगपिंग मनमोहन सिंह के सम्मान में 23 अक्टूबर को भोज देंगे.

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