काले धन के मुद्दे पर लोकसभा में बहस के दौरान वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि काले धन को देश वापस लाने के प्रयास कर रही है सरकार.
अपने भाषण के दौरान उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी की जनचेतना यात्रा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सिर्फ यात्रा मात्र से काले धन जैसे गंभीर मुद्दे का समाधान नहीं निकल सकता.
प्रणब मुखर्जी ने विदेशी बैंकों में कालाधन रखने वाले लोगों के नाम सार्वजनिक करने की मांग को खारिज करते हुए कहा, ' मौजूदा समझौते की मजबूरियों की वजह से मैं ऐसा नहीं कर सकता. अगर मैं आपकी मांग मानता हूं तो यह उन देशों के साथ हुए समझौते को तोड़ना होगा, जहां काला धन जमा है या जहां से हमें सूचना मिली है. इस वजह से सरकार को आगे सूचना नहीं मिलेगी.'
काले धन की जानकारी के संबंध में उन्होंने कहा, 'स्विस बैंकों ने फिलहाल कोई आंकड़ा नहीं बताया है. इसके साथ उन्होंने पूरी जानकारी साझा करने में अक्षमता जताई है. हालांकि इस मुद्दे पर बातचीत जारी है.'
इससे पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने सरकार से काला धन वापस लाए जाने की अपील की. इसी मुद्दे पर लोकसभा में बीजेपी के स्थगन प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई थी.
आडवाणी ने कहा था, 'बिना लिखित अनुमति के विदेशी बैंकों में खाता खोलना भी कानूनी अपराध है. उन्होंने कहा कि काले धन को वापस लाने के लिए क्या किया गया और उसके नतीजे क्या हुए सरकार को यह बताना चाहिए.
आडवाणी ने सरकार से यह भी पूछा कि काले धन पर कई नोटिस भेजे गए, केंद्र ने दोषियों पर क्या कार्रवाई की.