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'बीटिंग रिट्रीट' में पारंपरिक धुन के साथ शास्त्रीय संगीत की रही धूम

बीटिंग रिट्रीट समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अपनी पारंपरिक बग्गी से पहुंचे. इस बार समारोह में 15 मिलिट्री बैंड और 21 पाइप एंड ड्रम बैंडों ने हिस्सा लिया.

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बीटिंग रिट्रीट समारोह
बीटिंग रिट्रीट समारोह

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गणतंत्र दिवस समारोह के समापन कार्यक्रम बीटिंग रिट्रीट में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अपनी पारंपरिक बग्गी से पहुंचे. इस समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अपनी पारंपरिक बग्गी से पहुंचे. रायसीना हिल के विजय चौक पर आयोजित समारोह में उनका स्वागत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले से मौजूद थे. प्रधानमंत्री के साथ रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद थे. इस मौके पर दूसरे देशों के राजनयिक और कई गणमान्य गेस्ट मौजूद रहे. इस साल समारोह के प्रिंसिपल कंडक्टर कंमाडर वी सी डिक्रूज हैं.

इस बार बीटिंग रिट्रीट में 15 मिलिट्री बैंड और 21 पाइप एंड ड्रम बैंड ने हिस्सा लिया. बीटिंग रिट्रीट में इस बार पहली बार आर्मी बैंड ने क्लासिकल धुन बजाई. पहली बार ही इस समारोह में राज्यों और पैरा-मिलेट्री फोर्स को भी हिस्सा लेने का मौका दिया गया.

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बीटिंग रिट्रीट में पहली बार होगा यह खास
बीटिंग रिट्रीट समारोह में कुल 26 धुनों में से 20 धुनें भारतीय संगीतकारों की तैयार की हुई हैं. समारोह में नेताजी सुभाषचंद्र बोस को याद करता कदम-कदम बढ़ाए जा, जय भारती, सैम बहादुर, ढोला रे ढोला, ताकत वतन की हमसे है, सारे जहां से अच्छा, ग्रैन्ड्योर, गैलेक्सी राइडर, एयरबोन खासतौर पर बजाए जाएंगे. बीएसएफ, आईटीबीपी और दिल्ली पुलिस संविधान, अभिनंदनन और करियप्पा जैसी धुन बजाएंगे.

क्यों होता है बीटिंग रिट्रीट
हर साल 26 जनवरी से 29 जनवरी तक 4 दिनों तक चलने वाले गणतंत्र दिवस समारोह का समापन बीटिंग रिट्रीट समारोह से होता है. इसमें तीनों सेनाओं की रेजिमेंनटल सेंटर और बटालियन हिस्सा लेती हैं. बीटिंग रिट्रीट की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी. भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने तब अपना खुद का बैंड तैयार किया था.

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