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रायपुर के अंबेडकर अस्‍पताल ने निकाला चूहों को मारने का टेंडर, आखिरी तारीख 31 जनवरी

नक्सलियों के आतंक वाले राज्य छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े खैराती अस्पताल में इन दिनों चूहों का आतंक है. चूहे कभी किसी मशीन में घुस जाते हैं तो कभी दवा स्टोर में घुसकर दवा के डिब्बों को कुतरकर खराब कर देते हैं. अंबेडकर अस्पताल प्रबंधन ने मूशक-उन्मूलन के लिए टेंडर जारी कर दिया है.

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Symbolic Image
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नक्सलियों के आतंक वाले राज्य छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े खैराती अस्पताल में इन दिनों चूहों का आतंक है. चूहे कभी किसी मशीन में घुस जाते हैं तो कभी दवा स्टोर में घुसकर दवा के डिब्बों को कुतरकर खराब कर देते हैं. अंबेडकर अस्पताल प्रबंधन ने मूशक-उन्मूलन के लिए टेंडर जारी कर दिया है.

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अंबेडकर अस्पताल प्रबंधन की ओर से जारी टेंडर को देखकर अब तक 17 लोगों ने टेंडर भर दिया है. टेंडर भरने की आखिरी तारीख 31 जनवरी है. इस सूबे में ऐसा पहली बार हो रहा है. चूहों के खात्मे के लिए टेंडर चर्चा का विषय बना हुआ है. बताया जाता है कि चूहों ने अंबेडकर अस्पताल प्रबंधन की नाक में दम कर दिया है.

चूहों के कारण किचन, मशीन, इनडोर, दवा स्टोर यहां तक कि शवगृह भी सुरक्षित नहीं है. किचन में घुसकर चूहे सब्जियों को तो नुकसान पहुंचाते ही हैं, चावल, दाल व अन्य सामग्रियों को भी दूषित करते हैं. कई हाईटेक मशीनों के वायर कट जाने से प्रबंधन को नुकसान उठाना पड़ा है.

सीसीटीवी कैमरे और टेलीफोन के वायर कटने से भी परेशानी उठानी पड़ती है. अस्पताल की आंतरिक संचार व्यवस्था जब ठप पड़ जाती है तो केयर टेकर को तलब किया जाता है. वह इसके लिए चूहों को जिम्मेदार ठहराकर खुद बच जाता है.अस्पताल के एक कर्मचारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि दवा स्टोर में चूहे कई दवाओं को नुकसान पहुंचाने के साथ सीरप की शीशियों को रैक से गिरा देते हैं और शीशी के टूटने पर सीरप गटक जाते हैं. इतना ही नहीं, इनडोर में बेड के गद्दे और रैकों पर रखे कागजात, रिपोर्ट वगैरह को कुतर देते हैं.

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एक कर्मचारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि शवगृह में कुछ माह पहले फ्रिज में रखे शव को भी चूहों ने जगह-जगह कुतर दिया था. इस पर बहुत हंगामा हुआ था. उन्होंने बताया कि सालाना बड़े नुकसान को देखते हुए प्रबंधन ने टेंडर मंगाने का निर्णय लिया है.

बेहतरीन तरीका बताइए, टेंडर पाइए
चूहों को पिंजरे में कैद किया जाएगा या उसे चूहानाशक दवा देकर मारा जाएगा, अभी यह तय नहीं है. टेंडर भरने वालों में से जो अच्छा तरीका बताएगा और कीमत भी कम बताएगा, उसी का टेंडर फाइनल किया जाएगा. अस्पताल के सहायक अधीक्षक डॉ. एपी पडरहा ने बताया कि चूहों से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस संबंध में रोजाना कई वार्डो व विभागों से शिकायत मिलती रहती है. इसी के मद्देनजर एहतियातन यह कदम उठाया गया है.

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