योग गुरु बाबा रामदेव ने मुफ्ती का समर्थन करते हुए कहा कि 'मुफ्ती का हिंदू देवताओं में अपना पैगंबर देखना गलत नहीं है. मुफ्ती ने भाईचारे की मिसाल पेश की है.' रामदेव ने उक्त बात जमियत उलेमा के मुफ्ती के उस बयान से सहमत होते हुए कही, जिसमें भगवान शंकर को मुसलमानों का पहला पैगंबर होने की बात कही थी. रामदेव की माने तो वेदों सबसे पुराने ग्रंथ हैं जिसकी वजह पूरी दुनिया में उनका सम्मान किया जाता है और कुरान वेदों के मुकाबले नया ग्रंथ है.
गौरतलब है कि जमीयत उलेमा के मुफ्ती मोहम्मद इलियास ने बुधवार को अयोध्या में विवादित बयान देते हुए कहा था कि भगवान शंकर मुस्लिमों के पहले पैगंबर हैं. इलियास के बयान की कई मुस्लिम धर्मगुरुओं ने आलोचना भी की थी. उनमें मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली, मौलाना डॉ. कल्बे सादिक और मुफ्ती मुकर्रम जैसे इस्लाम के विद्वान शामिल थे.
मुफ्ती मोहम्मद इलियास ने यह भी कहा था कि इस बात को मानने में मुसलमानों को कोई गुरेज नहीं है. मौलाना ने यह भी कहा था कि मुसलमान भी सनातन धर्मी हैं और हिंदुओं के देवता शंकर और पार्वती हमारे भी मां-बाप हैं. उन्होंने आरएसएस के हिंदू राष्ट्र वाली बात पर कहा कि मुस्लिम हिंदू राष्ट्र के विरोधी नहीं हैं.
मुफ्ती मोहम्मद इलियास ने कहा कि जिस तरह से चीन में रहने वाला चीनी, अमेरिका में रहने वाला अमेरिकी है, उसी तरह से हिंदुस्तान में रहने वाला हर शख्स हिंदू है. यह तो हमारा मुल्की नाम है. उन्होंने कहा कि जब हमारे मां-बाप, खून और मुल्क एक है तो इस लिहाज से हमारा धर्म भी एक है. हमारे धर्म की शुरुआत यहीं भारत से हुई है. शंकर भगवान लंका में आए थे. हमारे इस्लाम धर्म के पहले पैगंबर हैं. हम यहीं पैदा हुए हैं. यहीं हमारा कर्म और धर्म क्षेत्र है. इसलिए हमें इससे प्यार है. सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा.