धरती को बचाने की मुहिम के तहत समूचे देश में लाखों लोगों द्वारा बल्ब बुझाने के सिलसिले में योगदान करते हुए राष्ट्रपति भवन में गैरजरूरी बत्तियां बंद कर दी गईं, नतीजतन हमेशा रोशन रहने वाली यह ऐतिहासिक इमारत एक घंटे तक अंधेरे में करीब-करीब डूबी नजर आई.
राष्ट्रपति भवन के एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल की इच्छा थी कि न सिर्फ मुख्य महल बल्कि नजदीकी रिहायशी क्वार्टर की लाइट भी बंद कर दी जाए.
अफसर ने बताया कि न सिर्फ राष्ट्रपति भवन बल्कि रिहायशी क्वार्टरों में भी सभी गैर जरूरी बत्तियां रात साढ़े आठ बजे से साढ़े नौ बजे तक बंद रहीं. बहरहाल, सुरक्षा के मद्देनजर सभी लाइटें नहीं बंद की गई थीं.
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में वर्ष 2007 से शुरू हुआ ‘अर्थ आवर’ वर्ष 2008 में एक वैश्विक अवसर बन गया था. उस वर्ष इस मौके को 35 देशों में अपनाया गया था. भारत इस अभियान में पिछले साल से शामिल हुआ है.