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रूस कर रहा खूबसूरत महिलाओं की 'रेड लिपस्टिक आर्मी' का इस्तेमाल?

यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के बीच रूसी महिलाओं की एक टीम राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के फैसले को सही ठहरा रही है. और यूक्रेन में हुई तबाही के दावों को झूठ बता रही हैं.

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रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता Maria Zakharova (दाएं) और सीनेटर और रूस सरकार की प्रवक्ता Valentina Matviyenk.
रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता Maria Zakharova (दाएं) और सीनेटर और रूस सरकार की प्रवक्ता Valentina Matviyenk.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • प्रोपेगेंडा वार में पुतिन के लिए महिलाओं की 'एलीट आर्मी' ने मोर्चा संभाला
  • कहा- 'यूक्रेन के लोग खुद पर गोलियां बरसा रहे हैं'

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. रूस ने दावा किया कि वो सिर्फ यूक्रेन की आर्मी को ही निशाना बनाएगा, वहां के आम नागरिकों को नहीं. लेकिन कई ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं जिसमें यूक्रेनी नागरिकों को भारी नुकसान की बात कही जा रही है. हाल ही में यूक्रेन ने मारियुपोल के एक मैटरनिटी हॉस्पिटल पर रूसी एयरस्ट्राइक का दावा किया. जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई. इस हमले की कई दर्दनाक तस्वीरें भी सामने आई हैं.

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द टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक हॉस्पिटल पर हमले को लेकर जब रूसी विदेश मंत्रालय के इंफॉर्मेशन और प्रेस डिपार्टमेंट की डायरेक्टर मारिया जखारोवा से सवाल किया गया तो वो भड़क गईं. कहा कि ये इंफॉर्मेशन टेररिज्म है. उन्होंने यूक्रेन के दावों को फेक करार दिया. बता दें कि इससे पहले उन्होंने यूक्रेन पर बायोलॉजिकल हथियार के इस्तेमाल की तैयारी का दावा किया था.

ब्रिटिश मीडिया की रिपोर्ट्स की मानें तो मारिया जखारोवा, मीडिया सैवी रूसी महिलाओं में सबसे प्रमुख चेहरा हैं जिन्हें पुतिन शासन के बारे में 'झूठ फैलाने' का काम दिया गया है.

युद्ध के मैदान में भले ही पुरुष टैंक चला रहे हों और प्लेन से कूद रहे हों. लेकिन इस नए प्रोपेगेंडा वार में पुतिन के लिए महिलाओं की एलीट आर्मी ने मोर्चा संभाला है.

सोच समझकर खूबसूरत महिलाओं का इस्तेमाल कर रहा रूस?

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ब्रिटिश टेलिग्राफ अखबार का कहना है कि ऐसे देश में जहां नीरस सूट पहने पुरुष सरकारी प्रेस ब्रीफिंग करते थे. वहां ये ग्लैमरस महिलाएं, उनकी स्टाइल, चमकीले लिप्सटिक, बड़े-बड़े बाल और उनके पहनावे एक ठंडी हवा के झोंके की तरह हैं. जखारोवा की प्रेस ब्रीफिंग लोगों को खूब पसंद आती है. और यूट्यूब पर इसके वीडियो पर लाखों व्यूज मिलते हैं.

और भी नेता करते रहे हैं महिलाओं का इस्तेमाल

इससे पहले भी दुनिया के कई नेताओं ने अपने मैसेज को दूर तक पहुंचाने के लिए स्मार्ट महिलाओं को काम पर लगाया है. इस लिस्ट में पुतिन अकेले नहीं हैं. साल 2017 से 2020 के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पॉलिटिकल एडवाइजर केलीनेन कॉनवे को इसी काम पर लगाया था. रिटायरमेंट से पहले दशकों तक नॉर्थ कोरिया की न्यूज रीडर री चुन-ही भी इसी काम में लगी थीं. वो अपने चमकीले आउटफिट के लिए 'पिंक लेडी' भी कही जाती थी. वो अपने देश में हो रहे न्यूक्लियर डेवलपमेंट्स और अपने नेता द्वारा किए गए अच्छे कामों के बारे में बताती थी.

काम में माहिर हैं ये महिलाएं या किसी और वजह से मिला काम?

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के पूर्व एडवाइजर और कम्युनिकेशन कंसलटेंट जो टैनर ने टेलिग्राफ से बातचीत में कहा- मैं नहीं जानती कि पुतिन और दूसरे नेता महिलाओं को चुन रहे हैं या फिर ये कि वो इस काम के लिए सबसे माहिर हैं. हो सकता है इन पुरुष नेताओं द्वारा महिला प्रवक्ता रखने के पीछे कोई मर्दाना वजह हो.

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बता दें कि मारिया जखारोवा और RT ब्रॉडकास्टर की एडिटर इन चीफ मार्गरीटा सिमोनियन के साथ एरिस्टोक्रेट्स पर ईयू ने प्रतिबंध लगा दिया है.

इस लिस्ट में मारिया बुटीना का भी नाम है. जो साल 2018 में रूस के लिए अमेरिका के खिलाफ जासूसी करते हुए पकड़ी गई थी. और अब पुतिन की पार्टी की मेंबर है. हाल ही में एक इंटरव्यू में उसने कहा था कि यूक्रेन के लोग खुद पर गोलियां बरसा रहे हैं. इसके अलावा पूर्व जासूस एना चैपमैन भी हाल ही में युद्ध का समर्थन करती दिखी थीं. वहीं रूसी सांसद और सरकारी प्रवक्ता वेलेंटीना मतवियेंको ने दावा किया कि रूसी हमला ही भाईयों के बीच होने वाले युद्ध को समाप्त करने का तरीका था.

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