चुनाव आयोग ने लालू प्रसाद के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता दल की राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता समाप्त कर दी है. इसके अलावा पांच अन्य दलों की भी राज्य पार्टी के रूप में मान्यता छीन ली गयी है.
चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि इन दलों को हालांकि अपने चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल करने की इजाजत रहेगी, लेकिन उन्हें आकाशवाणी और दूरदर्शन पर चुनाव प्रचार का समय और मुफ्त में मतदाता सूची पाने जैसी सुविधायें नहीं मिल पायेंगी.
सूत्रों ने बताया कि राजद को बिहार, झारखंड, मणिपुर ओर नगालैंड में मान्यता मिली हुई थी, लेकिन झारखंड में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के कारण उसकी मान्यता छिन गयी है. राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने के लिए किसी दल को कम से कम चार राज्यों में राज्य पार्टी का दर्जा होना चाहिए.
वाइको के नेतृत्व वाली एमडीएमके को तमिलनाडु में मिला राज्य पार्टी का दर्जा खत्म हो गया है. इसी तरह बिहार और झारखंड में राज्य पार्टी का दर्जा प्राप्त जनता दल यूनाइटेड ने झारखंड में राज्य पार्टी का दर्जा खो दिया है.{mospagebreak}आयोग के सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी की उत्तरांचल और मध्य प्रदेश में, पीएमके की पुदुचेरी में और अरूणाचल कांग्रेस की अरुणाचल प्रदेश में राज्य पार्टी के रूप में मान्यता समाप्त हो गयी है. हालांकि समाजवादी पार्टी का उत्तर प्रदेश में और पीएमके का तमिलनाडु में राज्य पार्टी का दर्जा बना रहेगा.
इससे पहले चुनाव आयोग ने सात दलों को नोटिस देकर उनसे इस बारे में अपना जवाब देने को कहा था कि कुछ राज्यों में उनकी मान्यता को क्यों नहीं समाप्त कर दिया जाए ,क्योंकि वह राज्य पार्टी के रूप में मान्यता पाने के लिए आयोग की शर्तों को पूरा नहीं कर पा रही हैं. ये नोटिस पिछले साल से हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उनके प्रदर्शन को देखते हुए भेजा गया था. सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा को भी नोटिस दिया गया था, लेकिन उन्होंने अपना पक्ष रखने के लिए और समय दिये जाने की मांग की थी.{mospagebreak}राजद ने गत दो जुलाई को आयोग के समक्ष उपस्थित होकर अनुरोध किया था कि झारखंड में आने वाले समय में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय पार्टी के रूप में उसके दर्जे के बारे में कोई फैसला किया जाये.