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रुचिका मामला: राठौर से छीना जाएगा पुलिस पदक

रुचिका गिरहोत्रा से छेड़खानी के मामले में मामूली सजा पाने वाले हरियाणा के पूर्व डीजीपी एस पी एस राठौर से उत्कृष्ट सेवा पदक छीना जा रहा है. 68 वर्षीय राठौर को उभरती टेनिस खिलाड़ी रुचिका से छेड़खानी के मामले में दोषी ठहराया गया था.

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रुचिका गिरहोत्रा से छेड़खानी के मामले में मामूली सजा पाने वाले हरियाणा के पूर्व डीजीपी एस पी एस राठौर से उत्कृष्ट सेवा पदक छीना जा रहा है. 68 वर्षीय राठौर को उभरती टेनिस खिलाड़ी रुचिका से छेड़खानी के मामले में दोषी ठहराया गया था.

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रुचिका ने बाद में आत्महत्या कर ली थी. राठौर को अदालत ने छह माह के कारावास की सजा सुनाई थी. इसको लेकर जनता में काफी नाराजगी थी और ऐसी मांगें उठीं कि राठौर का पदक वापस ले लिया जाए. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मुद्दे पर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से संपर्क किया था. सूत्रों ने बताया कि पाटिल ने मंत्रालय को अपनी सहमति दे दी और अधिकार दिया कि सेवानिवृत्त अधिकारी का पदक वापस ले लिया जाए.

गृह मंत्रालय की ओर से यह कार्रवाई केंद्रीय पुलिस पुरस्कार कमेटी (सीपीएसी) द्वारा की गई अनुशंसा पर की गई है. गृह सचिव जी के पिल्लै की अध्यक्षता वाली सीपीएसी ने राष्ट्रपति को अनुशंसा की कि 1985 में राठौर को दिया गया पुलिस पदक वापस ले लिया जाए. यह अनुशंसा राठौर को दोषी ठहराए जाने के बाद उनके अनैतिक आचरण या सेवा की प्रतिष्ठा को गिराने को लेकर वापस लेने के लिए की गई थी.

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राठौर को रुचिका से छेड़खानी की घटना के 19 साल बाद महज छह माह की सुनाई गई सजा ने काफी हंगामा खड़ा किया था. इसके चलते सरकार को सीबीआई को फैसले के खिलाफ अपील दायर करने का निर्देश देने और अभियुक्त को अधिकतम (दो साल की) सजा देने की मांग करने समेत अनेक कदम उठाने पर बाध्य होना पड़ा था. गृह मंत्रालय ने राठौर को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है जिसमें पूछा गया है कि क्यों न उनके पेंशन और सेवानिवृत्ति के बाद के अन्य लाभों को कम कर दिया जाए.

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