एक कॉन्ट्रोवर्शियल रूसी वैज्ञानिक ने दावा किया है कि उसने अपने लिविंग रूम में अपनी ही ब्रेन सर्जरी की है. उसने अपने सपनों को कंट्रोल करने के लिए ब्रेन में एक इलेक्ट्रोड इम्प्लांट किया था. वैज्ञानिक का नाम माइकल रादुगा है. वो एक रूसी रिसर्चर हैं, जिनके पास न्यूरोसर्जरी की क्वालिफिकेशन नहीं है. कथित तौर पर उन्होंने कजाहस्तान में घर पर अपनी ब्रेन सर्जरी की, इस दौरान उनका एक लीटर खून बह गया. उन्हें ल्यूसिड ड्रीम कंट्रोल करने थे. ये वो सपने होते हैं, जिन्हें देखते वक्त इंसान को मालूम होता है कि वो सपना देख रहा है.
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, रादुगा पेशे से डॉक्टर नहीं हैं लेकिन वो फेज रिसर्च सेंटर के फाउंडर हैं और उनका संगठन ये दावा करता है कि किसी व्यक्ति को स्लीप पैरालीसिस, शरीर से बाहर के अनुभवों और एस्ट्रल प्रोजेक्शन का अनुभव कैसे हो सकता है, इस पर शुरुआती मार्गदर्शन दे सकते हैं. रादुगा के रूस में बड़ी संख्या में फॉलोअर्स हैं. हालांकि न्यूरोसर्जन चेतावनी दे रहे हैं कि वो बेहद खतरनाक काम कर रहे हैं. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एक सलाहकार न्यूरोसर्जन एलेक्स ग्रीन ने कहा, 'ऐसा करना बेहद खतरनाक काम है.'
30 मिनट बाद हार मानने लगे थे रादुगा
ग्रीन ने आगे कहा, 'सभी प्रकार की दिक्कतें हो सकती हैं. उदाहरण के लिए, अगर उनकी कॉर्टिकल नस या इंट्रासेरेब्रल वेसल से रक्तस्राव होता, तो स्थायी स्ट्रोक या मौत तक हो सकती थी.' रादुगा ने खुद भी ये बात स्वीकार की है कि अपनी DIY सर्जरी के करीब 30 मिनट बाद वो हार मानने को तैयार थे. क्योंकि उनका पहले ही बहुत सारा खून, लगभग एक लीटर बह चुका था और डर था कि कहीं वह बेहोश न हो जाएं. फिर भी, वह कथित तौर पर सर्जरी पूरी करने में कामियाब रहे, स्नान किया और लगभग 10 घंटे तक लगातार काम करते रहे, बिना किसी को पता चले कि उन्होंने क्या किया है.