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खुद को पद्मश्री के अयोग्य मानते हैं सैफ अली खान

बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान को पद्मश्री दिए जाने पर पूरे देश में शुरू हुई चर्चा के बीच खान ने कहा है कि वह मानते हैं कि देश में बहुत से लोग हैं जो वास्तव में इस पुरस्कार के उनसे कहीं अधिक हकदार हैं. उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार पाने पर उन्हें हैरानी हुई है.

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बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान को पद्मश्री दिए जाने पर पूरे देश में शुरू हुई चर्चा के बीच खान ने कहा है कि वह मानते हैं कि देश में बहुत से लोग हैं जो वास्तव में इस पुरस्कार के उनसे कहीं अधिक हकदार हैं. उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार पाने पर उन्हें हैरानी हुई है.

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हालांकि सैफ ने इस पुरस्कार को बड़ी विनम्रता से स्वीकार किया है, लेकिन फिर भी उनका कहना है कि उनके अलावा और भी कई योग्य लोग इस पुरस्कार को पाने के हकदार थे. सैफ ने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो मैं पद्मश्री पाने के बाद अपने आप को दीन और अयोग्य महसूस कर रहा हूं. यह ऐसा नहीं है जिसके लिए मैंने कहा था और हालांकि भारत सरकार ने मेरे लिए यह किया है, इसलिए मैं सिर्फ इतना ही कर सकता हूं कि मैं अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूं.’’

गौरतलब है कि इससे पहले अमिताभ बच्चन (पद्मश्री-पद्मभूषण), रजनीकांत (पद्मभूषण) और कमल हासन (पद्मश्री) सरीखे अभिनेताओं को पद्म पुरस्कार प्राप्त हुए हैं. इस साल इस सूची में मिस्टर पर्फेक्शनिस्ट माने जाने वाले आमिर खान और गुजरे दिनों की सुपरस्टार रेखा का नाम जुड़ा है. आमिर को पद्मभूषण और रेखा को पद्मश्री प्रदान किया गया है. सैफ ने कहा, ‘‘जिन नामों का आप उल्लेख कर रहे हैं, वह इतने मशहूर हैं और वे वास्तव में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने के हकदार हैं.’’

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उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूं क्योंकि वर्तमान में आमिर खान जैसा कोई पद्म भूषण पाने का हकदार है. हो सकता हैं कि मैं इसके योग्य न हूं और भी कई ऐसे लोग हैं, जो मुझसे ज्यादा इस पुरस्कार के हकदार हैं.’’ सैफ ने कहा, ‘‘मैं यह अवार्ड को उन वरिष्ठ लोगों से जोड़ता हूं जिन्होंने अपने कैरियर में मुझसे ज्यादा उपलब्धियां हासिल की है. यही कारण है कि दस साल गुजरने के बाद भी मैं कुछ अनजाना सा महसूस करता हूं.’’

सैफ ने इस सम्मान को ज्यादा गंभीरता से नही लेने की सोची है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस सम्मान को ज्यादा गंभीरता से नही ले सकता. हां, यह राष्ट्रीय सम्मान है और एक महान पहचान है इसके बावजूद मुझे नही लगता कि मुझसे मिलते वक्त लोग मेरे इस सम्मान का ख्याल रखेंगे.’’ अभिनेता ने कहा, ‘‘यह लोगों के मन में मेरी बनी पहचान को बदलने नही जा रहा. जैसे ‘पटौदी का नवाब’ मेरे लिए सच नही है क्योंकि मेरे पिता इस उपाधि को धारण करने वाले आखिरी शख्स हैं.’’

हालांकि उन्हें खुशी है कि सरकार ने सिनेमा में दिए उनके योगदान को पहचाना लेकिन उन्हें अब तक कोई भी लोकप्रिय पुरस्कार नहीं मिल पाने का गम है. सैफ ने कहा, ‘‘मैंने कभी सर्वश्रेष्ठ अदाकार का फिल्मफेयर या स्क्रीन अवार्ड नही जीता. मुझे अच्छा लगा कि सरकार ने उस तरह सोचा. यह सोच मेरे दिमाग में हरदम रहेगी. मुझे आगे भी महान कामों को बखूबी अंजाम देना होगा और भविष्य के कामों में अपनी इस पहचान को बनाए रखना होगा.’’

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