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AI ने करा दी जेल, हत्या के झूठे आरोप में महीनों तक कैद रहा साइंटिस्ट, आजाद घूमता रहा हत्यारा

रशियन एकेडमी ऑफ साइंसेज इंस्टीट्यूट ऑफ इनलैंड वॉटर बायोलॉजी के वैज्ञानिक अलेक्जेंडर त्सवेतकोव 10 महीनों तक हत्या के उस आरोप मेंं जेल में रहे जो उन्होंने की ही नहीं. इस सब के पीछे गलती सिर्फ एआई की थी.

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Russian hydrologist Alexander Tsvetkov
Russian hydrologist Alexander Tsvetkov

AI का दौर है, काम आसान होते जा रहे हैं और सब कुछ मानो जादू की तरह बदल रहा है. लेकिन तकनीकें हमेशा ही अपने साथ मुसीबतें जरूर लाई हैं. आर्टिफीशियल इंटैलिजेंस जैसी चीज में इमोशंस की कमी या फिर जरी सी तकनीकी गड़बड़ी से बड़ा बवाल हो सकता है. एक जाने माने वैज्ञानिक के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. रूसी जलविज्ञानी अलेक्जेंडर त्सेत्कोव को फरवरी 2023 में एक मर्डर के आरोप में हिरासत में लिया गया था. हैरान की बात है कि एआई की बात मानकर ऐसा किया गया था.

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20 साल पहले हुई हत्या के आरोप में जेल

रशियन एकेडमी ऑफ साइंसेज इंस्टीट्यूट ऑफ इनलैंड वॉटर बायोलॉजी के वैज्ञानिक अलेक्जेंडर त्सवेतकोव  10 महीनों तक जेल में रहे हैं. सबसे पहले फरवरी में क्रास्नोयार्स्क के एक वर्क ट्रिप के बाद उन्हें एक हवाई जहाज से उतार दिया गया था, और बताया गया कि उनकी पहचान 20 साल पहले हुई हत्याओं के आरोपी के रूप में की गई है. जांचकर्ताओं ने दावा किया कि उसने और उसके कथित साथी ने अगस्त 2002 में मॉस्को और मॉस्को क्षेत्र में कम से कम दो लोगों की हत्या कर दी. हालांकि कई और वैज्ञानिकों ने गवाही दी कि इन हत्याओं के समय स्वेत्कोव उनके साथ था, लेकिन उनकी बात को नजरअंदाज किया गया.

एआई ने अलेक्जेंडर को हत्यारा क्यों बताया?

अब सवाल है कि एआई ने अलेक्जेंडर को हत्यारा क्यों बताया? दरअसल, एक एआई-पावर्ड सिस्टम के अनुसार ने अलेक्जेंडर का चेहरा 20 साल पहले एक गवाह की मदद से बनवाए गए हत्यारे के स्केच से 55% मेल खा रहा था और इसीलिए एआई ने अलेक्जेंडर को हत्यारा बता दिया.

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अलेक्जेंडर स्वेतकोव पर जिन हत्याओं का आरोप लगा, वे 2 अगस्त 2002 को हुई थीं. सबसे पहले, एक व्यक्ति की हत्या हुई जिसके साथ संदिग्धों ने कथित तौर पर शराब पी थी और झगड़े के बाद उसकी हत्या कर दी गई. उसी रात, उन्होंने एक 64 वर्षीय महिला को लूट लिया और उसकी 90 वर्षीय मां पर हमलाकर उनकी हत्या कर दी.

हत्यारे के साथी की गवाही

अलेक्जेंडर के कथित साथी, जिसने आगे आकर हत्याओं की बात स्वीकार की, उसने वैज्ञानिक की पहचान की थी, लेकिन उसकी बातें संदिग्ध थीं. उसने दावा किया कि उसका साथी मॉस्को में उसके साथ बेघर था, शराब पीता था और एक दिन में आधा पैकेट सिगरेट पीता था. जबकि स्वेत्कोव अपने जीवन में कभी बेघर नहीं हुआ था, और फेफड़ों की समस्याओं के कारण शराब और सिगरेट नहीं पीता था. कथित साथी ने यह भी कहा कि उसके साथी की उंगलियों पर रिंग टैटू और बाएं हाथ पर सेल्टिक पैटर्न था. लेकिन वैज्ञानिक के रिश्तेदारों का कहना है कि उन्होंने कभी कोई टैटू नहीं बनवाया था.

दबाव में लिखवाया गया कनफेशन

खुलासा हुआ कि जलविज्ञानी को कथित तौर पर एक कनफेशन लिखने के लिए मजबूर किया गया था जिसके बाद उन्हें जेल में डाल दिया गया. कई समाचार स्रोतों के अनुसार, इस हत्या के मामले में स्वेत्कोव को दोषमुक्त करने वाले ढेर सारे सबूतों के बावजूद, रूसी अधिकारियों ने आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस पर चलने वाले सॉफ्टवेयर पर भरोसा करना चुना.  

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पुतिन के हस्तक्षेप से सुलझा मामला

अलेक्जेंडर स्वेतकोव का मामला महीनों से रूस में समाचारों की सुर्खियां बन रहा है, और उनकी रिहाई के लिए एक अभियान के बाद, साथ ही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हस्तक्षेप की अफवाह के बाद, उनको रिहा कर दिया गया था. हालांकि, उसके खिलाफ आरोप अभी तक हटाए नहीं गए हैं, इसलिए वह अभी देश से बाहर नहीं जा सकता है. पुतिन ने कथित तौर पर कहा था की कि आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस एक कॉम्पलैक्स टॉपिक है, और यदि इस क्षेत्र में कोई विफलता है, तो उनका विश्लेषण करने और उचित निष्कर्ष निकालने की जरूरत है.

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