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सेबी का 14 बीमा कंपनियों पर बैन

बाजार नियामक सेबी ने एसबीआई लाइफ, आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल और टाटा एआईजी समेत 14 बड़ी निजी बीमा कंपनियों पर किसी यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्रोडक्ट (यूएलआईपी) से पैसा लेने पर प्रतिबंध लगा दिया.

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बाजार नियामक सेबी ने एसबीआई लाइफ, आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल और टाटा एआईजी समेत 14 बड़ी निजी बीमा कंपनियों पर किसी यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्रोडक्ट (यूएलआईपी) से पैसा लेने पर प्रतिबंध लगा दिया.

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सेबी ने शुक्रवार की देर रात आदेश जारी करते हुए कहा कि इन कंपनियों ने सेबी से किसी तरह का पंजीकरण नहीं कराया. हालांकि उनके द्वारा जारी यूएलआईपी में म्यूचल फंड की तरह का एक निवेश कारक है.

सेबी के स्थायी सदस्य प्रशांत सरण ने एक आदेश में कहा, ‘मैं इन कंपनियों को किसी तरह का आफर दस्तावेज, विज्ञापन, ब्रोशर जारी नहीं करने का और निवेशकों से किसी उत्पाद (यूएलआईपी समेत) के लिए नये या अतिरिक्त शुल्क के तौर पर धन नहीं लेने का निर्देश देता हूं.’

सेबी का कहना है कि इन कंपनियों ने यूलिप की रकम म्यूचुअल फंड्स के ज़रिए शेयर बाज़ार में बगैर सेबी की मंजूरी के निवेश की है. सेबी ने अपने आदेश में कहा है कि ये कंपनियां किसी भी तरह के इंश्योरेंस प्रॉडक्ट के लिए ग्राहकों से रकम नहीं ले सकतीं जिसमें कि निवेश के लिए म्यूचुअल फंड्स के रास्ते का इस्तेमाल किया जाए.

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यूलिप के तहत भी बीमा कंपनियां ग्राहकों की रकम म्यूचुअल फंड के ज़रिए शेयर बाज़ार में निवेश करती हैं. दरअसल, यूलिप बीमा कंपनियों के लिए सबसे ज़्यादा कारोबार जुटाने वाली योजनाएं हैं. इस योजना के तहत पॉलिसीधारक को बीमा के साथ ही शेयर बाज़ार में रकम निवेश करने का भी मौका मिलता है.

इन योजनाओं को बीमा कंपनियां बीमा रेगुलेटर आईआरडीए की मंजूरी के बाद लॉन्च करती हैं. सेबी को एतराज़ है कि निवेशकों का पैसा उसकी मंजूरी के बिना शेयर बाज़ार में लगाया जा रहा है.

{mospagebreak}यूलिप पर रोक लगाने के सेबी के आदेश के बाद सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर इसमें लंबे समय से निवेश कर रहे ग्राहकों का क्या होगा? जानकारों के मुताबिक अभी इसपर स्थिति साफ नहीं है. यानी जो लोग अच्छे रिटर्न की उम्मीद में इन योजनाओं का भारी भरकम प्रीमियम चुका रहे थे वो आज खुद को मुश्किल में फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं.

सेबी ने बीमा कंपनियों पर कार्रवाई की वजह यूलिप की बिक्री में पारदर्शिता की कमी को ठहराया है. रेगुलेटर का कहना है कि यूलिप के ज़रिए कंपनियां ग्राहकों को बीमा का फायदा नहीं पहुंचा रही हैं. बल्कि उनका ज़ोर शेयर बाज़ार में पैसा लगाने पर है. इन योजनओं में बीमा और निवेश का फायदा दिखाकर कंपनियां चार्ज के तौर पर भी ग्राहकों से ज़्यादा रकम वसूल रही हैं.

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जिन 14 बीमा कंपनियों को सेबी ने नोटिस भेजा है वो इस प्रकार हैं:
एसबीआई लाइफ
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल
टाटा एआईजीलाइफ
एगॉन रेलिगेयर लाइफ
अवीवा लाइफ
बजाज एलियंज
भारती एएक्सए
बिरला सनलाइफ
एचडीएफसी स्टैंडर्ड लाइफ
आईएनजी वैश्या लाइफ
कोटक महेंद्रा ओल्ड म्यूचुअल लाइफ
मैक्स न्यूयार्क लाइफ
मेटलाइफ इंडिया और
रिलायंस लाइफ

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