वीरेंद्र सहवाग शतक से चूक गये लेकिन गेंदबाजों के अनुशासित प्रदर्शन के बाद इस धाकड़ बल्लेबाज की नाबाद 99 रन की दमदार पारी से भारत त्रिकोणीय एकदिवसीय श्रृंखला में सोमवार को मेजबान श्रीलंका पर लगभग 15 ओवर शेष रहते हुए छह विकेट की शाही जीत के साथ बोनस अंक हासिल करने में सफल रहा.
सहवाग जब 99 रन पर थे तब भारत को जीत के लिये एक रन चाहिए था. उन्होंने सूरज रणदीव की गेंद पर छक्का जड़कर शतक का जश्न भी मनाना शुरू कर दिया था लेकिन इससे पहले अंपायर ने नोबाल का इशारा कर दिया था और इस तरह से सहवाग शतक से वंचित हो गये.
इससे पहले आसमान बादलों से घिरा था और ऐसे में भारतीय तेज गेंदबाजों विशेषकर प्रवीण कुमार ने अनुकूल परिस्थितियों का फायदा उठाकर श्रीलंका का शीर्ष क्रम झकझोर दिया जिससे वह आखिर तक नहीं उबर पाया. तिलकरत्ने दिलशान (45) और रणदीव (43) की अच्छी पारियों के बावजूद श्रीलंकाई टीम 46.1 ओवर में 170 रन पर ढेर हो गयी. भारत की तरफ प्रज्ञान ओझा ने 36 रन देकर तीन जबकि प्रवीण, इशांत शर्मा और रविंदर जडेजा ने दो-दो विकेट लिये.
भारतीय शुरुआत भी अच्छी नहीं रही और एक समय उसका स्कोर भी तीन विकेट पर 32 रन था लेकिन अनुभवी सहवाग ने एक छोर संभाले रखा 100 गेंद की अपनी पारी में 11 चौके और दो छक्के लगाये जिससे भारत ने 34.3 ओवर में चार विकेट 171 रन बनाकर आसान जीत दर्ज की.{mospagebreak}
त्रिकोणीय श्रृंखला में इस तरह से अब तीनों टीमों के नाम पर एक एक जीत दर्ज हो गयी हैं. भारत पहले मैच में न्यूजीलैंड से 200 रन से हार गया था जबकि श्रीलंका ने कीवी टीम को तीन विकेट से मात दी थी.
सहवाग की चतुराई भरी बल्लेबाजी का हालांकि श्रीलंकाई टीम के पास कोई जवाब नहीं था जिन्होंने पहले सुरेश रैना (21) के साथ चौथे विकेट के लिये 59 रन की साझेदारी निभाकर भारत को संकट से उबारा और फिर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (नाबाद 23) के साथ पांचवें विकेट के लिये 80 रन जोड़कर टीम को बड़ी जीत दिलायी.
श्रीलंकाई गेंदबाज शुरू में हावी थे और ऐसे में सहवाग ने संभलकर खेलने को तरजीह दी. वह जब गेंदबाजों पर हावी होने की कोशिश कर रहे थे तब 12 गेंद के अंदर दिनेश कार्तिक (10), विराट कोहली (0) और रोहित शर्मा (0) के आउट होने से उन्हें खुद पर अंकुश लगाना पड़ा.
रैना ने सहवाग का कुछ देर तक साथ दिया लेकिन दिलहारा फर्नांडो की गेंद पर पुल करके वह सीमा रेखा पर आसान कैच देकर पवेलियन लौट गये. सहवाग ने लेसिथ मालिंगा के दूसरे स्पैल के दूसरे ओवर पर लगातार दो चौके जड़कर अपने हाथ खोले.
इसके बाद उन्होंने रणदीव और मैथ्यूज को विशेष निशाना बनाया और इन पर क्रमश: डीप मिडविकेट और स्क्वायर लेग क्षेत्र में छक्के जमाये. रणदीव जब अगला ओवर करने आये तो भारत को पांच रन चाहिए थे और सहवाग का शतक बनना तय लग रहा था लेकिन पहली गेंद पर बाई के चार रन मिले और चौथी गेंद नोबाल हो गयी.{mospagebreak}
श्रीलंका की मुश्किल यहीं पर समाप्त नहीं हुई और पहले बदलाव के रूप में आये इशांत ने तिलन समरवीरा को जडेजा के हाथों कैच कराकर स्कोर चार विकेट पर 44 रन कर दिया. दिलशान ने इस बीच कुछ अच्छे शाट लगाये लेकिन ओझा की गेंद पर वह अपना धर्य खो बैठे जिनकी गेंद उनके बल्ले का उपरी किनारा लेकर लहराती हुई रोहित के पास चली गयी. दिलशान ने 62 गेंद खेली और पांच चौके लगाये.
जडेजा ने इसके बाद एंजेलो मैथ्यूज (15) और चमारा कापुगेदारा (10) को आउट करके श्रीलंका की स्थिति दयनीय कर दी. ऐसे समय में रणदीव और नुवान कुलशेखरा (22) ने आठवें विकेट के लिये 39 रन की साझेदारी करके टीम को कुछ सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया. ईशांत ने कुलशेखरा को विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के हाथों कैच आउट कराकर यह साझेदारी तोड़ी.
रणदीव ने अंतिम बल्लेबाज के रूप में आउट होने से पहले कुछ उपयोगी रन जुटाये. उन्होंने अपनी 61 गेंद की पारी में चार चौके लगाये.