एलियंस को लेकर हमेशा से ही हैरान करने वाले दावे किए जाते हैं. कई कहानियां भी सामने आती रही हैं. लेकिन इनकी कभी पुष्टि नहीं हो पाती. अब जो खबर सामने आई है, वो और भी ज्यादा हैरान करने वाली है. इसमें कहा गया है कि एलियंस धरती पर आए थे. वो एक बड़े हादसे के बाद धरती पर आए. एलियंस हवा में फैले खतरनाक उच्च स्तर के जहरीले रेडिएशन को सोखने के लिए चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र में पहुंचे थे. ये बात नेटफ्लिक्स की एक डॉक्यूमेंट्री में कही गई है.
डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें यूएफओ और एलियन पर बात करने वालों के दावे भी शामिल किए गए हैं. साथ ही कहा गया कि क्या एलियंस वास्तव में हम इंसानों की मदद करने के लिए पृथ्वी पर आए थे. इस डॉक्यूमेंट्री सीरीज के चार पार्ट हैं. इसमें बताया गया कि बीते 50 साल से दुनिया के कई हिस्सों में बडे़ स्तर पर यूएफओ देखे गए हैं. डॉक्यूमेंट्री में ऐसी घटनाओं की पड़ताल की गई. फिर बताया गया कि साल 1986 के अप्रैल में कथित तौर पर परमाणु आपदा के बाद चेरनोबिल बिजली संयंत्र में एक एलियन एयरक्राफ्ट देखा गया था.
चौथे एपिसोड में एक्सट्राटेरिसटेरियल इंटेलिजेंस (ETI) और अनआइडेंटिफाइड एरियल फेनोमिना (UAP) के शोधकर्ता डॉ. जेन्सिन एंड्रेसन ने कहा कि कई लोगों ने भीषण आग की ऊंचाई वाली जगह पर एक यूएफओ को उतरते देखा था. ये तीन मिनट तक रहा. हालांकि शो में चेरनोबिल के लोगों की कोई गवाही शामिल नहीं की गई, लेकिन उन्होंने यह भी दावा किया कि यूनिट 4 में एक रोशनी देखी गई थी. यूएफओ के वहां से जाते ही जहरीले रेडिएशन में कथित तौर पर अचानक गिरावट आ गई. डॉ. एंड्रेसन ने कहा कि इसके बाद उन अफवाहों को बल मिला कि एलियन क्षेत्र से रेडिएशन को खत्म करने में मनुष्यों की मदद कर रहे थे.
उन्होंने कहा, 'चेरनोबिल में आग तक की ऊंचाई पर रीडिंग 3000 मिली-रेंटजेन थी, जो आयोनाइजिंग रेडिएशन की एक यूनिट है. कुछ मिनट बाद एक और रीडिंग ली गई और रेडिएशन स्पष्ट रूप से 800 तक गिर गया था, ये समझ से बाहर था. ऐसा लगता है कि यह वहां हादसे के कारण उत्पन्न खतरे को दूर करने का एक बहुत ही सही प्रयास था.'