आम तौर पर हिंदू घरों में व्रत या त्योहारों में साबूदाना का खासा यूज होता है. इसे उपवास में फलहार माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर ये साबूदाना आता कहां है और कैसे बनता है.
हाल में वायरल एक वीडियो में साबूदाने को तैयार की जाने का प्रोसेस बताया गया है जो काफी हैरान करने वाला है. इसमें दिखता है कि सबसे पहले जड़ में उगने वाले साबूदाना के फल को उखाड़ा जाता है. इसके बाद फल को काटा जाता है. बड़ी संख्या में जुटाकर इसे ट्रक में डालकर फैक्ट्री ले जाते हैं. इसके बाद ट्रक से जेसीबी की मदद से कंवेयर बेल्ट में डाल कर दूसरी मशीन में ले जाते हैं. यहां पानी में फल से धूल मिट्टी निकाली जाती है.
फिर एक पीलिंग मशीन में डालकर इसे छीलकर इसका पेस्ट बना दिया जाता है. इसके आगे फिर एक कन्वेयर बेल्ट के जरिए इसे ग्राइंडिंग मशीन में डाला जाता है और ये बारीक पिस जाता है. आगे की मशीनी प्रक्रिया में इस पेस्ट को छानकर इसका गूदा निकाला जाता है. फिर पेस्ट को सुखाकर पाउडर बनाया जाता है और उसे साबूदाना की शेप दे दिया जाता है.आखिर में इन्हें कट्टों में भरकर मार्केट ले जाया जाता है.
बता दें कि मार्केट में भारी मात्रा में नकली साबूदाना भी आने लगा है जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है. हालांकि इसे पहचाने जाने के कई तरीके हैं. जैसे हद से ज्यादा चमकदार और पॉलिश किया साबूदाना नकली हो सकता है जबकि असली साबूदाना फीका होता है. इसके अलावा दांत से दबाने पर किरकिरा लगे तो भी समझिए साबूदाना नकली ही है. अगर ये खाने पर सॉफ्ट लगे तो मिलावट नहीं की गई है.