दुनिया में जासूसों की एक से बढ़कर एक कहानी छाई हुई है. कुछ कहानी तो इतनी हैरान करने वाली हैं कि उन पर फिल्में तक बना दी जाती हैं. ये जासूस दुश्मन देशों में नई पहचान के साथ एंटर होते हैं. इन्हें अपनी जान की परवाह नहीं होती. बस जो एक बात इनमें कूट कूटकर भरी होती है, वो है देशभक्ति. जिसके लिए ये कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं. चाहे फिर जान ही क्यों न चली जाए. मगर ऐसे कई मौके सामने आए हैं, जब पकड़े जाने पर इनके देश की सरकार इन्हें पहचानने से ही इनकार कर देती हैं.
आज हम एक ऐसे जासूस की कहानी जानने वाले हैं, जिसने एक महिला बनकर 18 साल बिता दिए. उसने प्यार भी किया, शादी भी की और उसका एक बेटा भी था. लेकिन यहां हैरानी वाली बात ये है कि ये जासूस मर्द था और इसे औरत बनकर रहना था. जीवन अच्छा खासा चल रहा था. बेटा दूर रहकर बड़ा हो रहा था. मगर फिर एक दिन सच्चाई सामने आ गई. सुनने वालों को भी यकीन न हुआ. कि एक शख्स जिसे अपनी पत्नी मानकर उसके साथ रह रहा था, वो असल में एक महिला नहीं बल्कि मर्द थी. एक राज के बाद फिर तमाम और राज खुले.
क्रिसमस की पार्टी से शुरू हुई कहानी
इसे जासूसी की दुनिया की सबसे दिलचस्प कहानी भी कहा जाता है. ये जासूस चीन का था. इस कहानी की शुरुआत साल 1964 से होती है. फ्रांस के रहने वाले बर्नार्डा बरसीकॉट की पहली पोस्टिंग चीन के बीजिंग में मौजूद फ्रांस के दूतावास में हुई. अभी तक सब एक जैसा चल रहा था. वो रोज दफ्तर जाता और काम खत्म करके घर लौटता. वो चीनी लोगों से काफी कम मिलता जुलता था. तमाम पाबंदियों में जकड़े चीनी नागरिक भी विदेशियों से दूरी बनाकर ही रखते. उन्हें डर होता है कि उनकी सरकार उन पर शक न करने लगे.
अब फिर से बर्नार्ड पर लौटते हैं. उसकी अब तक शादी नहीं हुई थी. वो अकेला ही सरकारी घर में रह रहा था. तभी क्रिसमस आ गया. इस खास मौके पर फ्रांस के दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपने घर पर एक पार्टी का आयोजन किया. जिसमें बर्नार्ड को भी बुलाया गया. तब उसकी नजर एक चीनी युवक पर पड़ी. अब यहां हैरानी वाली बात ये थी कि ये अकेला ही ऐसा चीनी था, जो पार्टी में मौजूद था. दूसरा कोई नहीं. बस कुछ देर की बातचीत के बाद बर्नार्ड उससे अच्छी तरह घुल मिल गया.
बर्नार्ड के घर आने लगा चीनी युवक
बात बात में इस चीनी युवक ने बताया कि वो फ्रांस के लोगों को चीनी भाषा मंदारिन सिखाता है. उसने कई अफसरों और उनके बच्चों को सिखाई है. ऐसे में बर्नार्ड की भी मंदारिन सीखने की इच्छा हुई. फिर ये चीनी युवक भाषा सिखाने के लिए बर्नार्ड के घर आने जाने लगा. दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई. लड़के ने ये भी बताया कि वो ओपेरा सिंगर है. बर्नार्ड को ओपेरा बेहद पसंद था. फिर चीनी युवक कुछ दिन तक बर्नार्ड के घर नहीं आया. जिससे बर्नार्ड को उसकी चिंता होने लगी. वो लोगों से पूछते पूछते उस घर तक पहुंच गया.
तब उसे पता चला कि ये लड़का अपनी बूढ़ी मां के साथ रह रहा है. अब बर्नार्ड के पैरों तले जमीन खिसकने वाली थी. उसे चीनी युवक ने अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी सच्चाई बता दी. उसने कहा कि वो असल में एक लड़की है. उसकी दादी ने कहा था कि अगर दूसरी बार बेटी पैदा होती है, तो वो पिता की दूसरी शादी कर देंगी. बस इसी वजह से पिता ने उसे दुनिया के सामने एक लड़का बनाकर पेश करने की योजना बनाई. सोचा दादी की मौत के बाद सबको बता देंगे. लेकिन फिर मजाक उड़ने के डर से किसी को नहीं बताया.
दोनों ने शादी करने का लिया फैसला
बर्नार्ड को लगा कि वो इस चीनी लड़के के प्रति इसी वजह से इतना आकर्षित हो रहा था, क्योंकि वो असल में एक लड़की है. बर्नार्ड ने अपने प्यार का इजहार कर दिया. दोनों ने शादी करने का फैसला लिया. लेकिन ये भी फैसला लिया कि इस बारे में किसी को पता नहीं चलने देंगे. क्योंकि अगर ऐसा होता है, तो चीन और फ्रांस दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियां नाराज हो सकती हैं. चीनी युवक ने अपना नाम शी पी पू बताया.
बर्नार्ड का चीन में कार्यकाल पूरा हो गया था. अगली पोस्टिंग के लिए उसे मंगोलिया जाना था. उसे शी पी पू ने बताया कि वो उसके बच्चे की मां बनने वाली है. गर्भावस्था का तीसरा महीना चल रहा है. डिलीवरी के समय वो चीन भी आया. उसने कहा कि बेटा पैदा हुआ है. मगर उससे मिलवाया नहीं. वो बोली कि अगर चीनी सरकार को इस बारे में पता चल गया तो मुसीबत खड़ी हो सकती है. उसने बस बच्चे की तस्वीर दिखाई. बर्नार्ड अपनी पत्नी और बेटे के साथ रहने के लिए काफी बेताब था. उसने विदेश मंत्रालय से कहा कि अगर बीजिंग में जगह खाली हो तो उसे भेज दिया जाए. कुछ वक्त बाद जगह खाली हुई. वो फिर चीन के लिए रवाना हो गया.
बेटे से नहीं मिलवाती थी शी
अब बर्नार्ड यहां आते ही शी से मिला. लेकिन जब बेटे से मिलवाने की बात आती, तो वो कोई न कोई बहाना बना देती. उसने ये भी कहा कि बच्चे को नौकरानी के साथ दूर भेज दिया गया है. दूतावास को शक न हो, इसलिए दोनों ने मिलना जुलना भी कम कर दिया. अब हफ्ते में एक दो बार मिलने के लिए बर्नार्ड ने नई तरकीब निकाली. उसने शी से कहा कि वो चीनी भाषा सिखाने के बहाने उससे मिलने आए. बस तीन महीने ही बीते थे, तभी शी ने बर्नार्ड को बताया कि मुझे चीनी प्राधिकरण ने तुम्हारे घर जाने से मना कर दिया है. तो कोई दूसरा शख्स ही चीनी भाषा सिखाने आएगा.
इस दूसरे शख्स का नाम किंग था. बर्नार्ड इसे भी पहले से जानता था. दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई. एक दिन बर्नार्ड ने किंग से मदद मांगी. उससे कहा कि वो देश से बाहर निकलने में मदद करे. उसकी पत्नी शी और बेटा चीन में हैं. बदले में किंग ने कहा कि उसे कुछ खुफिया जानकारी चाहिए. इसके बाद बर्नार्ड ने अपने ही देश से दगा करके किंग को खुफिया जानकारी देना शुरू कर दिया.
शी ने दिखाई केवल बेटे की तस्वीर
कुछ साल बाद जब उसे चीन से किसी और देश में ट्रांसफर किया गया, तब शी ने बेटे की तस्वीर दिखाई और बताया कि वो अब 7 साल का हो गया है. बर्नार्ड इसी से खुश हो गया. वो वापस अपने देश फ्रांस गया. यहां राजधानी पेरिस में उसकी पोस्टिंग हुई.
पेरिस में आने के बाद बर्नार्ड एक गे शख्स के काफी करीब आ गया था. लेकिन उसने पत्नी शी को फ्रांस लाने की कोशिशें करना नहीं छोड़ा. किंग ने कुछ वक्त बाद एक खुशखबरी दी और बर्नार्ड को बताया कि उसकी पत्नी शी और बेटा पेरिस में होने वाले कल्चरल इवेंट में आ सकते हैं. बर्नार्ड को वीजा का इंतजाम करने को कहा गया. जिस दिन ये इवेंट था उस दिन बर्नार्ड को शहर से बाहर जाना था. तो उसके गे दोस्त ने पत्नी शी और बेटे को रिसीव किया.
यहां शी लड़के के रूप में आई थी. जब बर्नार्ड वापस लौटा तो उसके सपने मानो पूरे हो गए थे. वो एक ही घर में अपनी पत्नी और बेटे के साथ रहने लगा. मगर एक दिन घर पर पुलिस आ गई. पुलिस ने बर्नार्ड और शी को गिरफ्तार कर लिया.
बर्नार्ड के सामने फूटा शी का भांडा
पुलिस ने जो जानकारी दी, उसे जानकर बर्नार्ड हैरान था. उसे बताया कि मेडिकल रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि उसकी पत्नी शी असल में एक पुरुष ही है, कोई महिला नहीं. वो एक चीनी जासूस है. उसने और किंग ने मिलकर बर्नार्ड को मोहरा बनाया था. इन्होंने कम से कम 500 खुफिया दस्तावेज चीनी सरकार तक पहुंचाए थे. इसके बाद शी ने भी सच बता दिया कि वो पुरुष है.
उसके शरीर के कुछ हिस्सों में महिला हार्मोंस ज्यादा हैं, इसी वजह से सीना थोड़ा उठा हुआ है. और दाढ़ी-मूछ नहीं आतीं. इसके लिए उसे खास तरह से ट्रेनिंग दी गई थी. उसने ये भी बताया कि वो पुरुष जननागों को छिपाकर महिला के जननांगों का अहसास कराने में माहिर है. इस चीज को मेडिकल की भाषा में टकिंग बोलते हैं. बेटा भी बर्नार्ड का नहीं था.
पेरिस की पुलिस ने शी के साथ साथ बर्नार्ड के खिलाफ भी मुकदमा दायर किया. जिसमें बर्नार्ड को पांच साल की सजा मिली. वहीं शी को छह साल की कैद. उस वक्त दोनों देशों यानी चीन और फ्रांस के रिश्ते अच्छे थे. तो इन दोनों की सजा एक और डेढ़ साल कम कर दी गई. जजों ने इस मामले में मानवीय पहलुओं को देखा. उन्हें भी दया आ गई. जेल से छूटने के बाद शी ने एक ओपेरा सेंटर खोला. उसकी 30 जून, साल 2009 में मौत हो गई. जबकि बर्नार्ड अब भी जीवित है. इनकी कहानी पर साल 1993 में एम बटरफ्लाई नामक फिल्म भी बनी है.