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जब 222 यात्रियों वाले विमान में 'हाइजैकर' बोला- 'धमाका करने जा रहा हूं'

एक ड्रग एडिक्‍ट ने साल 2017 में मलेशिया एयरलाइंस का प्‍लेन हाइजैक करने की कोशिश की थी, ये शख्‍स श्रीलंका का रहने वाला था. जो स्‍टूडेंट वीजा पर ऑस्‍ट्रेलिया पहुंचा था. उसने धमकी भी दी थी कि वह बम फोड़ देगा.

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Manodh Marks ने प्‍लेन हाइजैक करने की कोशिश की थी (फाइल फोटो/AP)
Manodh Marks ने प्‍लेन हाइजैक करने की कोशिश की थी (फाइल फोटो/AP)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • श्रीलंका का रहने वाला था हाइजैकर
  • ऑस्‍ट्रेलिया में सुनाई गई थी सजा

पांच साल पहले मलेशिया एयरलाइंस के प्‍लेन MH128 में अचानक अफरातफरी मच गई थी. इस प्‍लेन में 222 पैसेंजर सवार थे. एक शख्स ने अचानक हाथ में एक डिवाइस दिखाते हुए कहा था कि वह प्लेन को बम से उड़ा देगा. इसके बाद ऑस्‍ट्रेलिया के रहने वाले दो दोस्तों ने 'हाइजैकर' को काबू किया था. अब दोनों दोस्तों ने घटना की पूरी कहानी मीडिया से शेयर की है. 

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मलेशिया एयरलाइंस के प्‍लेन MH128 को श्रीलंका के रहने वाले शख्‍स ने हाइजैक करने की कोशिश की थी. इस हाइजैकर ने तब ये भी धमकी दी थी कि वह मेलबर्न के ऊपर बम को फोड़ देगा. इसके बाद प्‍लेन मेलबर्न में मौजूद Tullamarine Airport में उतरा और सुरक्षाबलों ने आरोपी हाइजैकर को अपने कब्‍जे में ले लिया था. 

डेलीमेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दो दोस्त ट्रॉय जॉयनर (38), फैबियो कोंटू (40) मलेशिया की राजधानी कुआलालम्‍पुर से प्‍लेन में 31 मई 2017 को सवार हुए थे.

Troy Joyner, Fabio Contu

लेकिन तभी विमान में हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई. इसी दौरान मनोध मार्क्‍स नाम का शख्‍स भागता हुआ आया, उसके हाथ में एक काले रंग की डिवाइस थी, इस डिवाइस में नीली रंग की लाइट जल रही थी. वह चिल्‍लाते हुए बोला,'मेरे पास बम है'.  कोंटू मिलिट्री में रह चुके थे. उन्‍हें बम को निष्क्रिय करने का तरीका पता था.

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शुरुआत में उनके दोस्‍त को विश्‍वास नहीं हुआ कि आतंकी वारदात हो सकती है. जॉयनर ने news.com.au से बात करते हुए कहा कहा, उसके बायें हाथ में एक रिमोट था. जो असली लग रहा था. इस दौरान ये शख्‍स कॉकपिट की तरफ बढ़ा लेकिन एयरलाइन स्‍टाफ ने उसे आगे बढ़ने से रोक दिया. 

लेकिन फिर हुआ कुछ ऐसा 
जॉयनर ने बताया कि इसके बाद उन्‍होंने पूरी ताकत लगाकर अपनी बाजू से उसके सिर को पकड़ लिया. वहीं उनके दोस्‍त ने श्रीलंकाई हाइजैकर को कमर से पकड़ लिया. इसके बाद उसकी बॉडी को जमीन पर चित कर दिया.

कोंटू ने उस हाइजैकर की बनियान पकड़ी. त‍ब तक उस प्‍लास्टिक डिवाइस से तार निकलकर बाहर आ चुके थे. इसके बाद इस डिवाइस को एक पैसेंजर को दिया गया और कहा कि इसे प्‍लेन के पिछले हिस्‍से में ले जाओ. हालांकि, फिर पता चला कि वह बम नहीं, बल्कि bluetooth speaker था.

इसके बाद उस श्रीलंकाई हाइजैकर के हाथ केबल से बांध दिए गए. वहीं उसे कुर्सी से बांध दिया गया ताकि वह हिल न सके.

Manodh Marks

ड्रग एडिक्‍ट था हाइजैकर 
वैसे जैसे ही मार्क्‍स पूरी तरह होश में आया तो उसने बताया कि वह ड्रग एडिक्‍ट है और हाल ही में रिहैब से आया है. इस घटना के करीब 40 मिनट बाद सुरक्षा बल प्‍लेन के अंदर पहुंचे. मार्क्‍स को इस मामले में शुरुआत में 12 साल की सजा सुनाई गई, जिसमें ये भी प्रावधान था कि 9 साल तक उसे कोई पैरोल नहीं मिलेगी.

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हालांकि, उसकी सजा बाद में घटाकर 8 साल कर दी गई. जिसमें 5 साल तक पैरोल न मिलने की बात कही गई थी. इसके बाद मार्क्‍स ने विक्‍टोरिया कोर्ट में अपील की, जिसके बाद ये मान लिया गया कि वह  'मानसिक रूप से अस्वस्थ' है. मार्क्‍स श्रीलंका से ऑस्‍ट्रेलिया स्‍टूडेंट वीजा पर आया था. मार्क्‍स पहला शख्‍स है जिसे ऑस्‍ट्रेलिया में प्‍लेन को अपने कंट्रोल में लेने के आरोप में सजा सुनाई गई थी. 

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