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बिहार: शराबबंदी से कई घरों में लौटीं खुशियां !

16 साल से अलग-अलग रह रहे पति-पत्नी एक बार फिर शादी के बंधन में बंध गए

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी का फैसला लिया था.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी का फैसला लिया था.

बिहार में पूर्ण शराबबंदी का एक साल पूरा होने वाला है. इस दौरान शराबबंदी के नाम पर कई 'मोहरे' तैयार हुए और सत्ता और विपक्ष के बीच शह-मात का खेल भी चला, लेकिन नशे पर पाबंदी को सभी ने सराहा. शराबबंदी से न केवल कई घर टूटने से बच गए, बल्कि कई घरों में खुशियां लौट आईं.

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लोगों की राय है कि शराबबंदी का सबसे ज्यादा लाभ सामाजिक तौर पर हुआ है. रामकृष्ण मिशन के स्वामी भावात्मानंद कहते हैं, 'शराबबंदी से समाज बदला है. महिलाओं में खुशहाली बढ़ी है. घरेलू हिंसा और घर में कलह कम हुआ है. शराबबंदी बेहतर चीज है, इसे समर्थन दिए जाने की जरूरत है.'

अलग रह रहे पति-पत्नी हुए एक
राज्य में शराबबंदी का ही नतीजा है कि 16 साल से अलग-अलग रह रहे पति-पत्नी एक बार फिर शादी के बंधन में बंध गए और उनकी जिंदगी पटरी पर लौट आई. वैसे, पति-पत्नी को मिलाने में उनकी बेटी ने खास भूमिका निभाई.

रोहतास जिले के मेहंदीगंज क्षेत्र में 16 साल पहले अपने पति जय गोविंद सिंह की दारूबाजी से तंग आकर पत्नी विजयंती देवी ने उसे छोड़ दिया था. उस समय विजयंती अपनी एक साल की बेटी को लेकर घर से निकल गई थी और मायके में रहने लगी थी. राज्य में शराबबंदी के बाद उनकी बेटी गुड्डी ने अपने मां-बाप को दोबारा मिलाने की कोशिश शुरू की और उन दोनों ने एक बार फिर से एक-दूसरे के गले में वरमाला डालकर शादी रचा ली.

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पुलिस में हुई पतियों की शिकायत
शराबबंदी का ही असर माना जाता है कि आज यहां महिलाएं अपने शराबी पति की शिकायत पुलिस से भी करने में नहीं हिचक रहीं. सीवान जिले के महादेव सहायक थाना क्षेत्र के बंगाली पकड़ी इलाके की रहने वाली लाडो देवी ने अपने शराबी पति की शिकायत स्वयं पुलिस से की. पुलिस के अनुसार, लाडो देवी का पति विकास रातभर रोज शराब पीकर उसके साथ मारपीट करता था. लाडो ने पति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी. इसके बाद पुलिस ने विकास को गिरफ्तार कर लिया.

राज्य में पांच अप्रैल, 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद इस धंधे में लगे कारोबारियों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है. कारोबारी अब इस धंधे को छोड़कर दूसरे कारोबार में जुट गए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृहजिले नालंदा में भी शराब के धंधे से जुड़े कारोबारी अपना व्यवसाय बदलकर खुश हैं. जिले में देसी-विदेशी शराब की 219 दुकानें थीं. इन दुकानों में से कई में अब ताले लगे हैं, तो कुछ दुकानों में मोटर बाइंडिंग, तो कुछ में टाइल्स की दुकानें खुल गई हैं.

शराब व्यापारी बने हार्डवेयर दुकानदार
राज्य के गोपालगंज में शराब के बड़े व्यापारी पुरुषोत्तम सिंह अब हार्डवेयर के बड़े दुकानदार बन गए हैं. वह कहते हैं कि शराब के व्यापार में आमदनी तो खूब थी, मगर परिवार के लोग खफा रहते थे. आज स्थिति बदल गई है, परिवार में खुशी है. राजधानी पटना में जहां सालभर पहले जहां-तहां शराब की दुकानें नजर आती थीं, मगर अब उन जगहों पर जूतों की दुकानें, आइसक्रीम पार्लर, दवा की दुकानें और होटल नजर आते हैं.

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