छात्र ने जेंडर बदलवा कर मांगा गर्ल्स हॉस्टल, कॉलेज में हड़कंप
थर्ड जेंडर चेंज कराने के वैसे तो आपने दर्जनों मामले सुने होंगे लेकिन कानपुर के एचबीटीआई इंजीनियरिंग कॉलेज की इस घटना ने सबके होश उड़ा दिए हैं. कॉलेज के एक छात्र ने अपना जेंडर चेज कराने के बाद जो मांग रखी है उससे पूरे कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मच गया है.
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गर्ल्स हॉस्टल में रहने की मांग
- कानपुर,
- 04 सितंबर 2015,
- (अपडेटेड 07 सितंबर 2015, 3:27 PM IST)
थर्ड जेंडर चेंज कराने के वैसे तो आपने दर्जनों मामले सुने होंगे लेकिन कानपुर के एचबीटीआई इंजीनियरिंग कॉलेज की इस घटना ने सबके होश उड़ा दिए हैं. कॉलेज के एक छात्र ने अपना जेंडर चेज कराने के बाद जो मांग रखी है उससे पूरे कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मच गया है.
मेल जेंडर से एड्मिशन लेने वाले छात्र ने अब रहने के लिए गर्ल्स हॉस्टल की मांग कर दी है. कॉलेज प्रशासन अब इस बात को लेकर परेशान है की छात्र को गर्ल्स हॉस्टल में रखे, ब्वॉयज हॉस्टल में रखे या फिर अलग. जबकि कॉलेज की छात्राएं इस छात्र को गर्ल्स हास्टल में रखने को तैयार है एचबीटीआई के इतिहास में आया यह अनोखा मामला चारों तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है.
एमसीए सेकेंड इयर का छात्र
यह संस्थान वैसे तो उत्तर प्रदेश का प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज है लेकिन आजकल यह कॉलेज अपने छात्र रवि ( बदला हुआ नाम) को लेकर चर्चा में है. कॉलेज में पढ़ने वाले हजारों छात्र- छात्राएं इस समय बस एक ही चर्चा में व्यस्त है की रवि को गर्ल्स हॉस्टल मिलेगा या ब्वॉयज. दरअसल एमसीए सेकेंड इयर के छात्र रवि ने अपना जेंडर मेल से फीमेल करा कर कॉलेज प्रशासन से मांग की है मुझे रहने के लिए अब गर्ल्स हास्टल दिया जाय.
रजिस्ट्रार नरेश कुमार ने बताया कि यह छात्र हमारे यहां का एमसीए सेकेंड इयर का छात्र है इसने साल एड्मिसन लिया था. पिछले साल यह तीन महीने पढ़ाई कर मेडिकल ट्रीटमेंट कराने चला गया था. इस बार वह फिर आया है और उसने मांग की है मुझे गर्ल्स हॉस्टल में रहने दिया जाय. हमने उसके मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच कराई. हमारे अफसर का कहना है उसका जेंडर चेंज प्रोसेस में है हम उसको रखने इंतजाम कर रहे है.
दिल्ली का रहने वाला है यह छात्र
रवि नाम का यह छात्र दिल्ली का रहने वाला है. छात्र दिल्ली की हाई प्रोफाइल फैमिली से ताल्लुक रखता है. उसका जेंडर चेंज ऑपरेशन भी दिल्ली में हुआ है रवि ने पिछले साल इंट्रेंस एक्जाम में पूरे प्रदेश में सातवां स्थान पाया था. कॉलेज प्रशासन अब इस उलझन में है की अगर उसको गर्ल्स हास्टल में रखेंगे तो छात्राएं उसको कैसे एडजेस्ट करेगी और ब्वॉयज हॉस्टल में रखेंगे तो छात्र उसका मजाक बनाएंगे. कॉलेज प्रशासन इसी मीटिंग में लगा है
देश में अब किसी के जेंडर चेंज को न तो अपराध माना जाता है और न ही उसका कोई सामाजिक बहिष्कार कर सकता है. लेकिन कानपुर का एचबीटीआई संस्थान आजकल अपने इस छात्र के साथ जिस परिस्थित से गुजर रहा है उससे एक तरफ जहा खुद छात्र की पढ़ाई चौपट हो रही है वहीं कॉलेज के बाकी छात्र-छात्राएं भी इस अनोखे मामले को लेकर टेंशन में है की आखिर कॉलेज प्रशसन रवि के साथ क्या रोल अदा करता है खैर अब देखिये इस मामले रवि को कौन सा हॉस्टल मिलता है.