मैसूर के टीपू सुलतान के सिंहासन के रत्नजड़ित स्वर्ण स्तूपिका तथा ब्रितानी सेनाओं के हाथों उनकी पराजय वाले युद्ध की दास्तां वाला आंखों देखा ब्यौरा आगामी सात अक्तूबर को यहां नीलामी के लिये रखा जाएगा.
नीलामीघर बोनहैम्स के अनुसार बाघ के आकार वाली यह स्तूपिका 200 से ज्यादा वषरें बाद स्कॉटलैंड के एक परिवार के पास पाई गई थी. इससे पहले, इसी सिंहासन की स्तूपिका की बोनहैम्स में तीन लाख 89 हजार 600 पौंड में नीलामी की गई थी.
ब्रितानी सेनाओं ने ईस्ट इंडिया कम्पनी के झंडे तले टीपू सुलतान को पराजित किया था और उनके सिंहासन को वर्ष 1799 में तोड़ दिया गया था.
हालांकि ब्रितानी गवर्नर जनरल लॉर्ड वेलेजली ने टीपू का सिंहासन तोड़ने की बात से इनकार किया था लेकिन दरअसल उसके टुकड़ों को बांटने के लिये उसे तोड़ा गया था.
‘डेली मेल’ में आज प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक सिंहासन की स्तूपिका के साथ बेंजामिन सिडेनहैम द्वारा टीपू की पराजय वाले युद्ध का आंखों देखा हाल बयान करता दस्तावेज भी नीलाम किया जाएगा.