देश के गांव-गांव तक बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के दावों के बीच राष्ट्रीय राजधानी सहित विभिन्न राज्यों में सरकारी और कुछ केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों के स्वास्थ्य केन्द्रों में करोड़ों रुपये मूल्य की दवाएं ‘घटिया’ पायी गई हैं."/> देश के गांव-गांव तक बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के दावों के बीच राष्ट्रीय राजधानी सहित विभिन्न राज्यों में सरकारी और कुछ केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों के स्वास्थ्य केन्द्रों में करोड़ों रुपये मूल्य की दवाएं ‘घटिया’ पायी गई हैं."/> देश के गांव-गांव तक बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के दावों के बीच राष्ट्रीय राजधानी सहित विभिन्न राज्यों में सरकारी और कुछ केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों के स्वास्थ्य केन्द्रों में करोड़ों रुपये मूल्य की दवाएं ‘घटिया’ पायी गई हैं."/>
 

सरकारी अस्‍पतालों में ‘घटिया’ दवाओं की आपूर्ति

देश के गांव-गांव तक बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के दावों के बीच राष्ट्रीय राजधानी सहित विभिन्न राज्यों में सरकारी और कुछ केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों के स्वास्थ्य केन्द्रों में करोड़ों रुपये मूल्य की दवाएं ‘घटिया’ पायी गई हैं.

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देश के गांव-गांव तक बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के दावों के बीच राष्ट्रीय राजधानी सहित विभिन्न राज्यों में सरकारी और कुछ केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों के स्वास्थ्य केन्द्रों में करोड़ों रुपये मूल्य की दवाएं ‘घटिया’ पायी गई हैं.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली स्थित पंडित मदन मोहन मालवीय अस्पताल में एंटा एसिड की 4,320 बोतलें जांच में घटिया स्तर की पायी गई जिसकी कीमत 50,444 रूपये आंकी गई है. इसके अलावा हरियाणा के सरकारी अस्पतालों, पीजीआई अस्पताल चंडीगढ़, इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज, शिमला तथा सीआरपीएफ एवं अर्ध सैनिक बलों के कुछ स्टोरों में घटिया दवाएं पायी गई है.

सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार चेन्नई स्थित सरकारी मेडिकल स्टोर (जीएमएसडी) में 2006.07 में ‘पारासिटामोल 500 एमजी’ की 2,99,800 गोलियां घटिया दर्जे की पायी गई और शिकायत प्राप्त होने से पहले की सभी गोलियां वितरित की जा चुकी थी.

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जबकि 2007-08 में सीआरपीएफ के चेन्नई स्थित स्वास्थ्य केंद्र, जेआईपीएमईआर पांडीचेरी, 105 बटालियल कोयंबतूर, सीटीसी.2 कोयंबतूर एवं अंडमन निकोबार प्रशासन पोर्ट ब्लेयर में डेक्सामेथसोन सोडियम फास्फेट 4 एमजी (एमएल) इंजेक्शन की कुल 35,100 शीशियां घटिया स्तर की पायी गई और इनमें से 33,782 शीशियों को डिपो में वापस लौटा दिया गया. हालांकि घटिया इंजेक्शन की 1,318 शीशियों का इस्तेमाल हुआ.

सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत हिसार स्थित सामाजिक कार्यकर्ता रमेश वर्मा ने विभिन्न राज्य सरकारों एवं स्वास्थ्य विभागों से पिछले पांच वर्षों के दौरान खरीद की गई एवं जांच में पायी गई घटिया स्तर के दवाओं का विवरण मांगा था.{mospagebreak}वित्त वर्ष 2007-08 में केंद्र सरकार स्वास्थ्य सेवा (सीजीएचएस) के माध्यम से सरकारी कर्मचारियों को मुहैया करायी जाने वाली चिकित्सा सुविधा के तहत सीजीएचएस बेंगलूर में घटिया स्तर की दवाओं की आपूर्ति की गई.

जांच के दौरान सीजीएचएस बेंगलूर में ‘पालीबियोन’ टैबलेट की 12,050 गोलियां घटिया स्तर की पायी गई और इनमें से 5,800 गोलियों को डिपो में वापस लौटा दिया गया.

आरटीआई के तहत पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़ में 40,327 रूपये मूल्य की ‘पारासिटामोल एवं क्लोरोक्वीन टैबलेट’ घटिया स्तर की पायी गई. रिपोट प्राप्त होने तक सभी पारासिटामोल टैबलेटों का उपयोग किया जा चुका था जबकि क्लोरोक्वीन की 4,492 गोलियों को वापस लौटा दिया गया.

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इसी प्रकार, केंद्र सरकार स्वास्थ्य सेवा :सीजीएचएस: के तहत 2007 में अहमदाबाद, भोपाल, जबलपुर, मुम्बई, पुणे में इनैलप्रील मैलकेट की 10,40,540 शीशियां घटिया स्तर की पायी गई. रिपोर्ट प्राप्त होने तक 1,72,340 शीशियों का इस्तेमाल किया जा चुका था और शेष 8,68,200 शीशियां डिपो को वापस लौटा दी गई. दवा की आपूर्ति करने वाली कंपनी का पंजीयन समाप्त कर दिया गया.

सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार हरियाण के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में पिछले पांच वषरे में कुल 49 दवाएं जांच के दौरान घटिया स्तर की पायी गई है. इनमें 2005 में विटामिन बी कम्प्लेक्स की 56,000 गोलियां, डेक्ट्रोज इंजेक्शन की 2005 में प्राप्त 6,200 शीशियां, 2006 में प्राप्त 3,640 शीशियों के अलावा 2006 में प्राप्त सेरोपेप्टीडोज की 53,400 गोलियां और एम्पीसिलिन इंजेक्शन की 2007 में प्राप्त 4,400 शीशियां शामिल हैं. इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज, शिमला में भी नियोस्टीगमिन इंजेक्शन, एम्पीसिलिन, लिग्मोपार एचसीएल जेल जैसी दवाएं घटिया स्तर की पायी गई.

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