scorecardresearch
 

सूरत का हीरा व्यापारी इस साल भी देगा 1665 कर्मचारियों को दिवाली बोनस में कार और मकान

हरेकृष्णा एक्सपोर्ट्स के नाम से जानी जाने वाली इन्डस्ट्री ने एक बार फिर अपने कर्मचारियों को दिवाली के बोनस में कार और मकान का तोहफा देने कि धोषणा की है. सवजीभाई धोलकिया नाम के इस व्यापारी कि खुद कि हीरा और टेक्सटाईल की इंडसट्रीज हैं और तकरीबन 5500 से ज्यादा कर्मचारी यहां काम करते हैं.

Advertisement
X
सवजीभाई देते हैं अनोखे तोहफे
सवजीभाई देते हैं अनोखे तोहफे

Advertisement

हरेकृष्णा एक्सपोर्ट्स के नाम से जानी जाने वाली इन्डस्ट्री ने एक बार फिर अपने कर्मचारियों को दिवाली के बोनस में कार और मकान का तोहफा देने कि धोषणा की है. सवजीभाई धोलकिया नाम के इस व्यापारी कि खुद कि हीरा और टेक्सटाईल की इंडसट्रीज हैं और तकरीबन 5500 से ज्यादा कर्मचारी यहां काम करते हैं.

गौरतलब है कि पिछले साल भी सवजी धोलकिया कि 6 हजार करोड़ नेट वेल्यू वाली कंपनी हरेकृष्णा इंडसट्रीज ने अपने कर्मचारी को 491 कार, 200 मकान और ज्वेलरी बोक्स दिवाली के बोनस में दिये थे. हालांकि इस साल उन कर्मचारियों को दिवाली बोनस नहीं दिया जाएगा जिन्हें पिछले साल ये सारी चीजें मिल चुकी हैं.

सवजीभाई धोलकिया कि ये दिली तमन्ना है कि उनके यहां जो कर्मचारी काम करते हैं उन सभी के पास उनकी कार और खुद का मकान हो. 1660 कर्मचारी को इस साल 51 करोड़ रुपये कि 1260 कार और 400 मकान गिफ्ट में दिये जाएंगे. इस के अलावा 56 कर्मचारियों को आभूषण दिए जाएंगे.

Advertisement

स्नेहमिलन कार्यक्रम में कंपनी के मालिक बांटेंगे बोनस
मंगलवार को होने वाले कंपनी के स्नेहमिलन कार्यक्रम में कंपनी के मालिक सवजीभाई धोलकिया अपने हाथों से उन्हें देंगे. कंपनी में सवर्श्रेष्ठ काम करने वाले 1716 कर्मचारियों को पिछले साल ही वो ये सारे तोहफे दे चुके हैं. कर्मचारी के घर लोन का 5 हजार का इएमआई पांच साल तक कंपनी देगी.

कंपनी ही करेगी घर की डाउनपेमेंट
हरेकृष्णा एक्सपोर्ट्स के चुने गए लकी 1660 कर्मचारी में से 1200 कर्मचारी ऐसे हैं जिनकी तनख्वाह 10 हजार से लेकर 60 हजार तक है. इनमें से 400 कर्मचारियों को मकान दिया जाएगा. उन्हें अपने घर का डाउनपेमेन्ट नहीं करना होगा. ये कपंनी खुद करेगी, इतना ही नहीं कंपनी हर महीने 5000 के जो इएमआई होगी वो भी कंपनी खुद आने वाले 5 साल तक अदा करेगी.

कंपनी की नेट वल्यू 6 हजार करोड़
सवजीभाई धोलकिया वैसे तो सूरत और सौराष्ट्र में सवजीकाका के नाम से जाने जाते हैं. गुजरात के दुधाला गांव के रहने वाले सवजीभाई ने 1977 में 12.50 रुपये लेकर अमरेली से सूरत आये थे. सूरत में सवजीभाई ने 1977 में बतौर हीराधीश अपनी जिंदगी की शुरुआत की थी. और उस वक्त महीने में उन्हें 169 रुपये पगार के तौर पर मिलते थे. जिस कंपनी में वो काम करते थे उसी कंपनी के मालिक बन गए हैं.

Advertisement
Advertisement