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जब बच्चे ही नहीं रहे, तो सीरिया में कैसा डर?

पापा...'मैं आपका हाथ नहीं पकड़ूंगा, आप मेरा हाथ पकड़ना'... क्योंकि मेरी पकड़ कमजोर हो सकती है जिससे हाथ छूट सकता है. लेकिन उस पिता पर क्या बीत रही होगी जब वो यह सोच रहा होगा कि उसके हाथ से उसके तीन साल के बेटे का हाथ फिसल गया और कभी नहीं लौटेगा. 

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इस तस्वीर ने दुनिया को हिलाकर रख दिया
इस तस्वीर ने दुनिया को हिलाकर रख दिया

पापा...'मैं आपका हाथ नहीं पकड़ूंगा, आप मेरा हाथ पकड़ना'... क्योंकि मेरी पकड़ कमजोर हो सकती है जिससे हाथ छूट सकता है. लेकिन अब उस पिता पर क्या बीत रही होगी जब वो यह सोच रहा होगा कि उसके हाथ से उसके तीन साल के बेटे का हाथ फिसल गया और कभी नहीं लौटेगा.

तुर्की के समुद्र तट पर जिस तीन वर्षीय सीरियाई बच्चे का शव बह कर आ गया था, उसके पिता ने कहा है कि उनके बच्चे उनके हाथों से फिसल गए थे. जब यह घटना हुई, उस समय उनकी नौका यूनान जा रही थी. तुर्की के तट पर पड़े बच्चे के शव की तस्वीर ने दुनिया को हिलाकर रख दिया है. अब्दुल्ला ने अपने तीन वर्षीय बेटे ऐलन, चार वर्षीय बेटे घालेब और पत्नी रिहाना को इस त्रासदी में खो दिया.

एलेन का परिवार यूरोप जाना चाहता था
त्रासदी देखिए कि जिस सीरिया को छोड़कर एलेन का परिवार यूरोप जाना चाहता था , अब मरने के बाद उसी मुल्क में दफन होगा. एलेन के पिता का कहना है कि जब बच्चे रहे ही नहीं, तो सीरिया में कैसा डर? लेकिन मुल्क तो अपना है और मुल्क की मिट्टी में ही बच्चों को दफन होना चाहिए.

तुर्की मीडिया ने अब्दुल्ला का उपनाम कुर्दी बताया है लेकिन सीरियाई सूत्रों की मानें तो उसका नाम शीनू है. अब्दुल्ला कुर्दी ने तुर्की की डोगान समाचार एजेंसी को नौका डूबने वाले क्षण के बारे में बताया. अब्दुल्ला के मुताबिक मैंने अपनी पत्नी का हाथ पकड़ा हुआ था लेकिन मेरे बच्चे मेरे हाथों से फिसल गए. वहां अंधेरा था और हर तरफ चीख पुकार मची थी.

ऐलन की मौत ने दुनियाभर का ध्यान खींचा
बेहद दुखी अब्दुल्ला बोद्रुम के शवगृह के पास अपने परिजनों के शवों को नगर निकाय की वैन में रखे जाने का इंतजार करते हुए उनकी नजरें लगातार उनके फोन पर टिकी थीं. यूनानी द्वीप कॉस की ओर जा रही दौ नौकाएं बुधवार को तुर्की जलक्षेत्र में डूब गई थीं, जिसके कारण 12 सीरियाई प्रवासी मारे गए थे. इस पूरी त्रासदी में तीन वर्षीय ऐलन की मौत ने दुनियाभर का ध्यान खींचा है. ऐलन का शव एक तस्वीर में बोद्रुम के एक रिजॉर्ट के तट पर पड़ा हुआ दिखाया गया. यह तस्वीर जल्दी ही वायरल हो गई और शरणार्थियों की त्रासदी का एक प्रतीक बन गई. दूसरी तस्वीर में एक तुर्की सुरक्षा अधिकारी बच्चे को अपनी गोद में उठाकर ले जाता हुआ दिखाया गया है.

तुर्की मीडिया ने कहा कि अब्दुल्ला अपने परिवार और लगभग तीन अन्य सीरियाई लोगों के साथ इस जलक्षेत्र को पार करने की कोशिश कर रहे थे. परिवार कनाडा जाने की कोशिश कर रहा था.

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