
तस्करी की शिकार एक लड़की को अपने रेपिस्ट की हत्या करने के मामले में कोर्ट ने कड़ी सजा दी है. लड़की को अगले 5 साल कड़ी निगरानी में गुजारनी पड़ेगी और उन्हें रेपिस्ट के परिवारवालों को करीब 1 करोड़ रुपए ($150,000) हर्जाना भी देना होगा.
मामला अमेरिका के आयोवा राज्य का है. 17 साल की पीपर लुईस ने जून 2020 में 37 साल के जाचरी ब्रूक्स की हत्या कर दी थी. पीपर ने माना था कि ब्रूक्स पर उन्होंने चोट पहुंचाने के इरादे से चाकू से हमला किया था लेकिन ब्रूक्स की मौत हो गई थी. इस मामले में उन्हें 10 साल की जेल की सजा हो सकती थी.
13 सितंबर 2022 को इस मामले में फैसला सुनाते हुए पोल्क काउंटी डिस्ट्रिक्ट जज डेविड एम. पोर्टर ने लुईस को 10 साल की सजा तो नहीं दी. लेकिन कहा कि अगर लुईस प्रोबेशन पीरियड का उल्लंघन करती हैं तो उन्हें 20 साल के लिए जेल भेजा जा सकता है.
रेपिस्ट को हर्जाना देने का फैसला सुनाते हुए जज पोर्टर ने कहा- कोर्ट के पास कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है. आयोवा के कानूनों के मुताबिक हर्जाना अनिवार्य है.
15 साल की उम्र में ही लुईस ने ब्रूक्स पर 30 बार चाकू से हमला किया था. अधिकारियों ने बताया कि लुईस अपनी अडॉप्टेड मां की यातनाओं से तंग आकर घर से भाग गई थीं. वह एक अपार्टमेंट के हॉल में सोती थीं. यहां से 28 साल का एक शख्स उन्हें अपने साथ जबरदस्ती ले गया और सेक्स के लिए दूसरे पुरुषों के पास उनकी तस्करी करने लगा.
लुईस ने बताया कि ब्रूक्स उन्हीं पुरुषों में से एक था. मौत से पहले ब्रूक्स ने उनके साथ बहुतों बार रेप किया था. लुईस ने अधिकारियों को बताया कि ब्रूक्स के पास उन्हें फिर से ले जाया गया था. ब्रूक्स फिर से उनका रेप करने वाला था. लेकिन बेड के पास उन्हें एक चाकू मिली और उन्होंने ब्रूक्स पर हमला कर दिया.
लुईस की तस्करी और यौन शोषण की बातों पर पुलिस और प्रोस्क्यूटर्स ने कोई सवाल नहीं उठाया. लेकिन प्रोस्क्यूटर्स ने कोर्ट में कहा कि लुईस ने जब ब्रूक्स पर हमला किया था तब वह सो रहे थे और लुईस को उस हाल में ब्रूक्स से कोई खतरा नहीं था.
फैसले के बाद लुईस ने कहा- मैं एक सर्वाइवर हूं. बता दें कि आमतौर पर यौन शोषण की पीड़ितों का नाम नहीं बताया जाता है. लेकिन Associated Press ने बताया है कि लुईस ने अपने नाम के इस्तेमाल की सहमति पहले ही दे दी थी.