स्वच्छ भारत पर बनें मुख्यमंत्रियों के समूह ने भारत को स्वच्छ बनाने के उद्देश्य से पैसे जुटाने के लिए टेलीकॉम सेवाओं, पेट्रोल, कोयला व लौह अयस्क जैसे खनिजों पर अतिरिक्त कर (सेस) लगाने की सिफारिश की है. अगर ये सिफारिश मानी गई तो आने वाले दिनों में पेट्रोल और टेलीफोन सेवाएं महंगी हो सकती हैं.
इसके साथ ही उप-समूह ने प्रति शौचालय 15,000 रुपये की निर्माण सहायता देने और उन लोगों को चुनाव लड़ने से रोकने की सिफारिश की है जिनके घरों में आज भी शौचालय नहीं हैं.
उप-समूह के संयोजक और एन. चन्द्रबाबू नायडू ने बताया कि भारत सरकार को अगले पांच साल में ‘स्वच्छ भारत’ का लक्ष्य हासिल करने के लिए संसाधन जुटाने के वास्ते दूरसंचार सेवाओं, पेट्रोल, डीजल, लौह अयस्क आदि पर अतिरिक्त कर लगाना होगा.
इस बैठक के बाद नायडू ने कहा कि ‘उप-समूह ने नीति आयोग को समूह की सिफारिशों पर अगले दस दिन में रिपोर्ट तैयार करने को कहा है और फिर सभी मुख्यमंत्री रिपोर्ट जमा करने के लिए प्रधानमंत्री से समय मांगेंगे.’
भारत को आने वाले पांच सालों में स्वच्छ बनाने के लिए स्वच्छ भारत अभियान को राष्ट्रीय, राज्यस्तरीय, जिला स्तरीय और पंचायत स्तर पर मिशन के तौर पर संचालित करने का सुझाव मिला है. इस पर होने वाले खर्च में केंद्र का 75 फीसदी और राज्यों का 25 फीसदी योगदान रखने की सिफारिश की जा रही है.