सिविल सेवा परीक्षा में अव्वल आना आसान नहीं लेकिन फैजल शाह के लिए यह राह तो और भी कठिन थी. कश्मीर के इस डॉक्टर ने आतंकवाद में अपने पिता को गवां दिया लेकिन नहीं गंवाया तो अपना हौसला और इस बार के सिविल सेवा परीक्षा में वह अपनी दुख और पीड़ा से निकलकर टॉपर बन बैठा.
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने फैजल को बधाई दी और कहा कि कश्मीरी देश की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को टक्कर दे सकते हैं.
2009 के सिविल सेवा परीक्षा में सफल हुए 875 प्रतिभागियों में फैजल ने पहला स्थान पाया है और वह भी अपने पहले ही प्रयास में.
फैजल के लिए यह उपलब्धि और भी मायने रखती है क्योंकि कुपवाड़ा जिले में उसके पिता आतंकवादियों की गोलियों के शिकार बने.
इस युवा डॉक्टर को बधाई देते हुए उमर ने कहा, ‘फैजल ने युवा कश्मीरियों को राह दिखया है. विपरीत परिस्थितियों से जूझकर उन्होंने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में पहले प्रयास में ही सफलता पाई और दिखा दिया कि कश्मीरी भी देश की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को टक्कर दे सकते हैं.’
केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भी फैजल को मुबारकबाद दिया और कहा कि यह राज्य के लिए सम्मान की बात है.