थाईलैंड में आए शक्तिशाली भूकंप के झटकों के बीच कैसे हालात बन गए थे. इसकी आंखोंदेखी कहानी वहां रह रहे इंडियन ने बताई. कैसे वो 21वीं मंजिल से सीढ़ियों के सहारे नीचे उतरे. जिस हालत में शख्स अपने बिस्तर पर था, वैसे ही नीचे चला आया. उसने चप्पल तक नहीं पहना. तब से अब तक लोग अपने घरों से बाहर ही खड़े हैं.
बैंकॉक मृणाल मिश्रा ने बताया कि भूकंप कितने बजे आया ये मुझे इसकी सटीक जानकारी नहीं है. क्योंकि मैं उस वक्त सो रहा था. मैं 21वें फ्लोर पर रहता हूं. पूरी बिल्डिंग हिलने लग गई. फिर एकदम जोरदार तरीके से बिल्डिंग हिली और टूटने जैसी आवाज आई. उसके बाद इमरजेंसी के रास्ते से सभी लोग पैदल ही नीचे आए. उस वक्त मेरे पास चप्पल भी नहीं थे. बिना चप्पल के ही मैं नीचे भागा था.
इमारतों में आ गई हैं दरारें
मृणाल ने बताया कि उसके बाद से सारे के सारे लोग बिल्डिंग के बाहर वेट कर रहे हैं. क्योंकि लोग इंतजार कर रहे हैं कि कहीं फिर से आफ्टर शॉक्स न आ जाए. मेरे सामने कोई बिल्डिंग्स नहीं गिरी है, लेकिन कुछ दूर पर कुछ अंडर कंस्ट्रक्शन इमारतें पूरी तरह से ढह गई हैं. हां, यहां कई सारे इमारतों में क्रैक्स आए हैं. इमारतों के ज्वाइंट्स में दरारें आ गई हैं. खिड़कियां टूट गई हैं. मैंने जो भी महसूस किया वो भयावह था. सात-आठ सेकेंड तक भूकंप रहा. अब भी डर लग रहा है.
शहर के सारे बिल्डिंग्स हो चुके हैं खाली
मृणाल ने बताया कि शहर के सारे बिल्डिंग्स खाली हैं. सभी लोग अभी तक बाहर हैं. सड़क पर जितनी भी कारें हैं, सब के अंदर लोग हैं. जितने भी लोग आपको सड़क पर बैठे दिख रहे हैं, सब इंतजार कर रहे हैं कि कब ये घोषणा की जाए कि बिल्डिंग सुरक्षित है और लोग अपने घर जा सके. लोग पार्कों में सड़क पर और दूसरी खाली जगहों पर शरण लिए हुए हैं.
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शांति बनाए हुए हैं लोग
शहर में अफरा-तफरी का महौल बना हुआ है, लेकिन लोग इस आपात स्थिति में भी शांति बनाए हुए हैं और अपने परिवार व बच्चों के साथ पार्कों में, सड़कों के किनारे और दूसरे खुले जगहों पर बने हुए हैं.