मोर्ने मोर्कल और डेल स्टेन की तूफानी गति से की गयी शार्ट पिच गेंदों की बमबारी के सामने दुनिया में सर्वश्रेष्ठ कही जाने वाली भारतीय बल्लेबाजी लाइनअप के दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में परखच्चे उड़ गये.
सुबह की बारिश के बाद ग्राउंडसमैन के अथक प्रयास से चार घंटे बाद पिच खेलने लायक तो बन गयी, लेकिन मोर्कल और स्टेन ने उसे भारतीयों के लिये कब्रगाह बनाने में देर नहीं लगायी. खराब रोशनी के कारण जब खेल रोका गया, तब भारत 9 विकेट पर 136 रन बनाकर संघर्ष कर रहा था.
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अब भी 33 रन बनाकर क्रीज पर हैं. उनके अलावा सचिन तेंदुलकर (36) और हरभजन सिंह (27) का योगदान ही थोड़ा उल्लेखनीय रहा. दक्षिण अफ्रीका की तरफ से मोर्कल ने 12.1 ओवर में 20 रन देकर चार, जबकि स्टेन ने 34 रन देकर तीन विकेट लिये हैं.
दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ग्रीम स्मिथ ने पिच की नमी को देखकर टास जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी के लिये आमंत्रित करने में कोई देर नहीं लगायी. इसके बाद दुनिया की सबसे मशहूर भारतीय बल्लेबाजी लाइनअप ताश के पत्तों की तरफ बिखर गयी.
तेंदुलकर कुछ देर विश्वास के साथ खेल पाये जबकि बाकी बल्लेबाजों वीरेंद्र सहवाग (शून्य), गौतम गंभीर (पांच), राहुल द्रविड़ (14), वीवीएस लक्ष्मण (सात) और सुरेश रैना (एक) ने दक्षिण अफ्रीकी आक्रमण के सामने नतमस्तक होने में देर नहीं लगायी.{mospagebreak}
भारत की शुरुआत खौफनाक रही और दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों ने जतला दिया कि वह भारतीय सलामी जोड़ी के लिये अच्छी रणनीति तैयार करके मैदान पर उतरे हैं. सहवाग और स्टेन की बहुचर्चित जंग केवल तीन गेंद तक ही सीमित रही. सहवाग ने इस गेंदबाज के पहले ओवर की दो गेंद धर्य के साथ खेली लेकिन उनके दूसरे ओवर की पहली गेंद ने ही उन्हें पवेलियन लौटा दिया. सहवाग ने आफ स्टंप से बाहर तेजी से उठती गेंद पर अपर कट किया लेकिन गेंद बाउंड्री पार जाने के बजाय थर्ड मैन पर खड़े हाशिम अमला के हाथों में चली गयी.
यदि रेफरल प्रणाली होती तो शायद गंभीर पहले आउट हो जाते लेकिन बायें हाथ का यह बल्लेबाज 43 गेंद खेलने के बावजूद पूरे समय संघर्ष करते हुए ही दिखा. मोर्कल ने शार्ट पिच गेंदों से उनकी अच्छी परीक्षा लेकिन जब उनके सामने अचानक फुललेंथ गेंद पड़ी तो वह ड्राइव करने के लिये तेजी से फ्रंट फुट पर नहीं आ पाये और पहली स्लिप में खड़े पाल हैरिस को कैच दे बैठे.
द्रविड़ ने विश्वसनीय शुरुआत की तथा स्टेन के एक ओवर में दो चौके लगाये. इस बीच 11 रन पूरे करते ही वह ब्रायन लारा के 11,953 रन की संख्या पार करके सर्वाधिक रन बनाने वाले दुनिया के तीसरे बल्लेबाज बने लेकिन मोर्कल की मिडिल और लेग स्टंप पर जाती सीधी गेंद पर वह पगबाधा आउट हो गये.
{mospagebreak}तेंदुलकर पर शार्ट पिच गेंद का कोई असर नहीं दिखा. उन्होंने बदलाव के रूप में आये लोनवाबो सोतसोबे को निशाने पर रखा तथा उनके दो ओवर में दो. दो चौके लगाये. चाय के विश्राम तक भारत का दारोमदार उन्हीं पर था, लेकिन इसके बाद भी दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों का दबदबा रहा जिसमें तेंदुलकर की नहीं चली.
तेंदुलकर ने स्टेन पर दो चौके जड़े और फिर पारी के 25वें ओवर में इसी गेंदबाज पर खूबसूरत कट से चौका लगाया लेकिन इसी ओवर में सीधी गेंद को नहीं समझ पाये और पगबाधा आउट होकर पवेलियन लौटे. इस तरह से अपनी 34 गेंद की पारी में आठ चौके लगाने वाले तेंदुलकर को 50वें शतक के लिये इंतजार करना होगा.
धोनी को भी गेंदबाजों से जूझना पड़ा लेकिन हरभजन ने वही तेवर दिखाये जैसे उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ दिखाकर दो शतक जड़े थे. उन्होंने स्टेन पर चौका जड़कर खाता खोला और फिर कैलिस को निशाने पर रखा. दायें हाथ के इस बल्लेबाज ने सोतसोबे की लगातार गेंद पर चौका और फिर लांग आन पर छक्का जड़कर भारत का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया.
हरभजन का विकेट अफ्रीकियों को नहीं मिला बल्कि उन्हें दूसरा रन लेने में थोड़ी ढिलायी का खामियाजा रन आउट के रूप में भुगतना पड़ा. मोर्कल ने इसी ओवर में इशांत शर्मा और फिर एस श्रीसंत को पवेलियन भेजा जिसके बाद धोनी ने थोड़ी तेजी दिखायी. उन्होंने भी सोतसोबे को ही अपने निशाने पर रखा और उन पर दो छक्के लगाये. सोतसोबे ने नौ ओवर में 50 रन दिये. धोनी के साथ दूसरे छोर पर अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे जयदेव उनादकट एक रन पर खेल रहे हैं.