जिंदगी है, तो परेशानी होगी हीं. इसमें कोई संदेह नहीं. लेकिन यहां जरूरी बात ये है कि आप परेशानी में उलझे रहने के बजाय उससे बाहर निकलना सीख जाएं. हर किसी के जीवन में महज 24 घंटे होते हैं, कुछ लोग इसे अच्छी तरह इस्तेमाल करते हैं, तो कुछ बर्बाद कर देते हैं. ऐसे में अगर जिंदगी में बैलेंस बना लिया जाए, तो सब कुछ ठीक रहता है. लेकिन ऐसा कैसे कर सकते हैं? इसके लिए 8+8+8 का नियम काम आता है.
इस नियम को अपनाने से जिंदगी की तमाम परेशानियां खत्म की जा सकती हैं. संतुलन बनाना आसान होता है. इसका एक उदाहरण हम ऐसे देख सकते हैं- मान लीजिए अगर आप परिवार को समय नहीं देते. तो इससे रिश्तों में दूरियां आना शुरू हो जाएंगी. हो सकता है गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड ही छोड़कर चला जाए. लेकिन अगर नौकरी पर ध्यान नहीं दिया, करियर का बंटाधार हो जाएगा. ऐसे में हर तरफ बैलेंस कैसे बना सकते हैं? इसी तरह के सवालों को 8+8+8 का नियम सुलझा सकता है. इससे प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी.
8+8+8 का नियम क्या होता है?
आपके पास 24 घंटे हैं, तो आपको इन्हीं घंटों को बराबर तरीके से बांटना है, यानि डिवाइड करना है. 8+8+8 .
8- ये पूरा वक्त अपने काम को दें. सिर्फ काम करें. इसके लिए आप टू डू लिस्ट भी रख सकते हैं. फालतू काम या अधिक वक्त लेने वाले काम किसी और को दें. आप चाहें, तो काम के हिसाब से इस 8 घंटे को भी बांट सकते हैं.
8- आपको पूरी 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए. अगर नींद पूरी नहीं होगी तो थकान होगी. ऐसे में अच्छी नींद आना जरूरी है.
8- ये समय आपको अपने लिए निकालना है. इसमें- 3F, 3H, 3S होते हैं.
जीवन में बैलेंस बनाने के लिए आपको समय बांटना जरूरी है. ऐसा कहा जाता है कि ये नियम सबसे पहले रॉबर्ट ओवेन नामक शख्स ने बताया था. वो वेल्श कपड़ा मिल के मालिक और समाज सुधारक थे. उन्होंने 19वीं सदी की शुरुआत में श्रमिकों के लिए इस नियम को बताया था.