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सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न में हो सकते हैं बदलाव

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं बशर्ते इसे केन्द्र सरकार की मंजूरी मिल जाए.

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संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं बशर्ते इसे केन्द्र सरकार की मंजूरी मिल जाए. यह कहना है संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डी. पी. अग्रवाल का. यूपीएससी अध्यक्ष ने संवाददाताओं को बताया कि केन्द्र सरकार के पास परीक्षा पैटर्न में बदलाव का प्रस्ताव लंबित है. अगर वह इसे स्वीकार कर लेती है तो सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न में बदलाव होने की संभावना है.

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अग्रवाल ने कहा कि पैटर्न में बदलाव किए जाने के प्रस्ताव में एक सिफारिश द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग की भी है जिसमें प्रारंभिक परीक्षा के बदले एक एप्टीट्यूड टेस्ट लिए जाने की बात कही गयी थी. उन्होंने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा में रिक्तियों को साल दर साल 10 फीसदी की दर से जोड़ा गया है और इस साल रिक्तियों की संख्या 980 है.

रिक्तियों के वितरण के बाबत उन्होंने कहा कि सिर्फ भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के मामलों में केन्द्र सरकार विभिन्न राज्यों में आवंटन करती है. मौजूदा समय में 22 तरह की सेवाएं हैं.

अग्रवाल यहां राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, तिरुचिरापल्ली की ओर से आयोजित ‘एंडवास पैटर्न माइनिंग एंड मल्टी मीडिया कम्प्यूटिंग’ विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन में शिरकत के लिए आए थे.

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