कतर के न्यूज चैनल अल जजीरा ने पाकिस्तान सरकार की वह रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है, जिसमें ओसामा बिन लादेन के 2002 से 2011 तक एबटाबाद में रहने के ब्यौरे हैं. इसमें उस ऐतिहासिक ऑपरेशन का भी जिक्र है, जिसमें दुनिया के सबसे बड़े आतंकवादी को मार गिराया गया. इस पूरे ऑपरेशन पर लादेन के परिवार का पक्ष क्या था, पढ़िए पहली बार:
‘उस दिन शेख (लादेन) के साथ अमल के होने की बारी थी. वह उसकी बीवियों में सबसे छोटी थी. उनके कमरे दूसरी मंजिल पर थे. शाम के खाने और नमाज के बाद अमल और शेख सोने चले गए. लेकिन थोड़ी ही देर में एक तूफान सी आवाज ने उनकी नींद उड़ा दी. उनका तीन साल का बेटा, हुसैन, उसी कमरे में सो रहा था. वे बालकनी में गए. लेकिन यह घुप्प अंधेरी रात थी. अमल लाइट का स्विच दबाने ही वाली थी कि शेख ने कहा, 'नहीं'. वह अपने बेटे खालिद को बुलाने दरवाजे पर गया, जो पहल मंजिल पर अपनी मां शरीफा के साथ था. अमल अपने बच्चों को देखने चली गई. उसके पांच बच्चे थे. जब वह लौटी तो शेख की बेटियां मरयम और सुमैया पहली मंजिल के अपने कमरों से नीचे आ चुकी थीं. उन्होंने कलमा और कुरान की कुछ आयतें पढ़ीं. शेख ने अमेरिकी हेलीकॉप्टरों के आने की सूचना दी और कमरे को तत्काल खाली करने को कहा.’’
‘‘मरयम और बच्चे बालकनी में चले गए. शेख हथियारों की ओर दौड़ा. उन्होंने बाहर एक धमाके की आवाज सुनी. साथ ही कुछ और आवाजें, जिनसे छत पर किसी के होने का अंदेशा होता था. उन्होंने सीढ़ियों से कुछ लोगों के उतरने की आवाज सुनी. अचानक अमल को बेडरूम के बाहर रस्सी के सहारे उतरता एक अमेरिकी सैनिक दिखा. उसने बंदूक की शेख ओर तान रखी थी. उसने लाल रोशनी देखी पर कोई आवाज नहीं सुनी. वह सैनिक से जाकर भिड़ गई और उसकी गन छीनने की कोशिश करने लगी. वह चिल्लाया, 'नहीं, नहीं', फिर उसके घुटने में गोली मार दी. वह अचेत हो गई. एक घंटे या उससे कुछ देर बाद पाकिस्तानी सेना पहुंची और उन्हें अस्पताल ले जाया गया.’’
2 मई 2011 को तड़के पांच बजे पाकिस्तान के एबटाबाद में दुनिया का नंबर एक आतंकी ओसामा बिन लादेन इस तरह ठिकाने लगा दिया गया.
‘‘अमल के मुताबिक, सुमैया (लादेन की बेटी) भी एक अमेरिकी सैनिक से जा भिड़ी थी. उसने अपनी खिड़की से एक हेलीकॉप्टर को उतरते देखा. वह अपने पिता के कमरे की ओर दौ़ड़ी. सब कुछ बहुत तेजी से हुआ. उसने अपने पिता को फर्श पर पड़ा देखा. उसे माथे पर गोली लगी थी. वह जानती थी कि उसके पिता अब जिंदा नहीं हैं. उसके मुताबिक, 'खून उसके सिर के ऊपर से उल्टी दिशा में बह रहा था.' अमेरिकी सैनिकों ने उससे शव को पहचानने को कहा. उसने कहा, 'मेरे अब्बू'. मरयम से भी यही सवाल पूछा गया. उसने कहा, 'अब्दुल्ला बिन मुहम्मद'. सैनिक उनका मतलब नहीं समझे. तब सुमैया ने मरयम से कहा, 'उन्हें सच बता दो. वे पाकिस्तानी नहीं हैं.' आखिरकार उन्होंने बता दिया कि वह उनके अब्बू ओसामा बिन लादेन की लाश है.’’
‘‘शरीफा सिहम (ओसामा की बीवी) ने बताया कि वह बेटे खालिद के साथ अपने कमरे में थी. हेलीकॉप्टरों की आवाज से उनकी नींद खुल गई. खालिद ने खिड़की से देखकर अपनी मां को बताया कि अमेरिकी छत पर उतर रहे हैं. उसने गन उठाई और सीढ़ियों से ऊपर जाने लगा. शरीफा बच्चों की ओर दौड़ी. इसके बाद एक सैनिक कमरे में घुसा और बताया कि उसने ओसामा बिन लादेन को मार दिया है.’’
‘‘खैरैया (ओसामा की सबसे बड़ी बीवी) ने बताया कि उसने हेलीकॉप्टरों की आवाज सुनी और उनमें से एक को उतरते देखा. वह तुरंत अमल के कमरे की ओर दौड़ी. इसके बाद खैरैया ने देखा कि उसकी बेटियों के दोनों हाथ पीछे बंधे हुए हैं और उन्हें सीढ़ियों से नीचे लाया जा रहा है. शरीफा ने बेटे खालिद की लाश देखी. सीढ़ियों पर पड़ी, खून से सनी. उसने झुककर अपने बेटे का माथा चूम लिया.’’