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युवक के शरीर में घुसे थे 40 फीट लंबे लोहे के दो सर‍िये, 5 घंटे के ऑपरेशन में ऐसे बची जान

शाम को करीब छह बजे युवक करण अपने घर से बाइक पर सवार होकर तेल लेने जा रहा था कि रास्ते में उसके आगे चल रही सरिया से लदी रेहड़ी में टक्कर जा लगी. टक्कर के बाद दो सरिये उसके सीने के आरपार निकल गए थे.

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युवक के सीने से आरपार लोहे के सर‍िये.
युवक के सीने से आरपार लोहे के सर‍िये.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रोहतक आईजीआईएमएस के डॉक्टरों ने की एक यूनिक सर्जरी
  • एक युवक के सीने में आरपार हुए थे 40 फ़ीट लंबे लोहे के दो सरिये
  • दोनों सरियों को 5 घंटे की सर्जरी के बाद निकाला गया

ह‍र‍ियाणा में रोहतक के डॉक्टरों ने एक यूनिक सर्जरी कर एक युवक के सीने से आरपार हुए लोहे के दो सरियों को 5 घंटे की सफल सर्जरी के बाद निकाला. शुक्रवार रात के 9 बजे से 2 बजे तक 18 वर्षीय करण के शरीर में आर-पार हुए लोहे के सरियों का कार्ड‍ियो सर्जरी विभाग में सफल ऑपरेशन हुआ है.

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लगभग 5 घंटे चले इस ऑपरेशन में कार्डियो सर्जरी और एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टरों ने अपने  प्रयास से इस यूनिक सर्जरी को किया है. सर्जरी के बाद युवक की जान बचाई जा सकी. अब मरीज की हालत खतरे से बाहर है जिसके बाद मरीज के पिता ने डॉक्टरों का बहुत-बहुत धन्यवाद किया है.

शाम को करीब छह बजे युवक करण अपने घर से बाइक पर सवार होकर तेल लेने जा रहा था कि रास्ते में उसके आगे चल रही सरिया से लदी रेहड़ी में टक्कर जा लगी. टक्कर के बाद दो सरिये उसकी छाती के आरपार निकल गए थे.

सीने के आरपार हुए सर‍िये.
सीने के आरपार हुए सर‍िये.

समझदारी से काम लेते हुए लंबे सरियों को कटवा द‍िया

गांव वालों ने समझदारी से काम लेते हुए लंबे सरियों को कटवा द‍िया और करण को पीजीआई में दाखिल करा द‍िया. करण ऑपरेशन के बाद अभी डॉक्टरों की निगरानी में कुछ दिन तक और रहेगा. ऑपरेशन सफल होने के बाद डॉक्टरों की पूरी टीम ने राहत की सांस ली है.

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डॉक्टरों ने लोगों को सलाह दी है कि अगर किसी के साथ इस प्रकार की घटना हो जाती है तो मरीज के शरीर में आर-पार हुई किसी भी लोहे के सरियों व अन्य नुकीली चीजों को बाहर ना निकाले और सीधा उसे डॉक्टर के पास ले जाएं. ऐसा करने से मरीज की जान बचने के ज्यादा चांस हो जाते हैं. पीजीआई में इस तरफ का दूसरा मामला है. 2011 में भी रोहतक में काम कर रहे मजदूर के शरीर से लोहे का सरिया आरपार हो गया था.

दो सरिये आरपार निकल गए

करण के पिता कर्मबीर  ने बताया कि शाम को एक ग्रामीण ने उन्हें सूचित किया कि उनके लड़के का एक्सीडेंट हो गया है और दो सरिये आरपार निकल गए हैं. मौके पर करण की हालत देखकर वह काफी घबरा गए थे लेकिन गांव के लोगों ने  सरियों को काटकर छोटा किया और फिर उसे खानपुर मेडिकल कॉलेज ले जाया जाए जहां से उसे रोहतक  पीजीआई में रेफर किया गया. यहां डॉक्टरों ने उनका सफल ऑपरेशन किया है जिसके लिए वह पूरी डॉक्टरों की टीम का धन्यवाद  करता हैं. मेरे बेटे की जान बच गई.

ऑपरेशन के दौरान करण.
ऑपरेशन के दौरान करण.

पंडित बीडी शर्मा पीजीआइएमएस रोहतक के कार्डियो सर्जरी विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर शमशेर लोहचब ने बताया के रात को पेशेंट उनके पास पहुंचा था. सबसे पहले उसके सीने से आरपार हुए सरियों को काटकर छोटा किया गया और उसकी स्थिति को देखते हुए पूरी डॉक्टरों की टीम तुरंत सर्जरी की तैयारी में जुट गई. मरीज के शरीर में 4 फीट आरपार सरिया थे. सरियों ने मरीज के दोनों फेफड़ों को डैमेज कर दिया था. ऐसी स्थिति में मरीज को ओपन हार्ट सर्जरी के ऑपरेशन थिएटर में शिफ्ट कर सर्जरी शुरू की गई.

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लगभग 5 घंटे चली इस सर्जरी में सफलतापूर्वक सरियों को निकाला गया. फेफड़ों में हुए नुकसान को स्टेपल द्वारा ठीक किया गया जिससे फेफड़ों की ब्लीड‍िंग को रोका गया. ऑपरेशन के बाद मरीज खतरे से बाहर है और अभी उसको डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाएगा. डॉक्टर शमशेर ने कहा कि करण के परिजनों ने यह बहुत अच्छा किया कि उसके शरीर से सरिया नहीं निकाले जिससे उसकी जान बच गई. आगे भी वह कहना चाहते हैं कि अगर किसी के साथ ऐसी दुर्घटना हो जाती है तो शरीर के आरपार हुई कोई भी वस्तु घटनास्थल पर ना निकाले.

इनपुट- रोहतक से सुरेंदर स‍िंह की र‍िपोर्ट 

 

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