ये कहानी एक ऐसी महिला की है, जिसकी उम्र 90 साल है. उसने पांच दशक तक अपने देश की सेवा की. जासूसी के काम में उसने ऐसी महारत हासिल की, कि सुरक्षा एजेंसी को बार बार उसकी जरूरत पड़ती रही. उसे रिटायरमेंट लेने तक से मना कर दिया गया. उसका कहना है कि उसे इस काम को करते वक्त हमेशा ही खुशी मिली है. उसे ये काम कभी काम जैसा नहीं लगा.
अब उसने अपनी कहानी दुनिया को बताई है. इन्हें ब्रिटेन की सबसे लंबे वक्त तक जासूसी करने वाली महिला कहा जाता है. नाम बारबरा बताया जाता है. उन्होंने 50 साल तक ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI5 को अपनी सेवाएं दीं. डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, बारबरा की कहानी साल 1968 से शुरू होती है. तब शीत युद्ध अपने चरम पर था. तभी उन्हें गृह मंत्रालय से नौकरी का ऑफर आया.
वो कहती हैं, 'नौकरी का ऑफर मिलने के बाद मुझे बताया गया कि मैं MI5 में शामिल हो रही हूं. मैंने MI5 के बारे में कभी नहीं सुना था, मुझे इसका मतलब तक नहीं पता था. जल्द ही मुझे विदेशी खुफिया जानकारी की जांच करने वाले सेक्शन में तैनात किया गया. मैं शीत युद्ध या केजीबी के बारे में कुछ नहीं जानती थी, लेकिन जल्द ही सबकुछ सीख गई.'
उन्होंने 12 अलग अलग डायरेक्टर जनरल के अंडर में विभिन्न विभागों में काम किया. 1990 में जैसे ही वो रिटायरमेंट के करीब पहुंचीं, तो उन्हें बर्लिन की दीवार के गिरने और सोवियत संघ के अंत के वक्त वापस वहीं तैनात कर दिया गया, जहां से उन्होंने शुरुआत की थी. हालांकि रिटायर होने से पहले बारबरा से पूछा गया कि क्या वह अपना रिटायरमेंट छह महीने के लिए स्थगित कर सकती हैं.
उन्हें दो साल और काम करना पड़ा. फिर 2007 में 74 साल की उम्र में उन्हें MI5 के हिस्ट्री सेक्शन में काम करने को कहा गया. जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने यहां रुकने का फैसला क्यों लिया, तो उन्होंने कहा, 'मुझे हमेशा से लगता था कि अगर संगठन मुझसे कुछ करवाना चाहता है तो मैं वहीं रहूंगी.' अपने लंबे वक्त तक चले जासूसी के करियर पर बारबरा ने कहा, 'मैंने इसका भरपूर आनंद लिया है और बहुत कुछ सीखा भी.'