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यूक्रेन में जारी युद्ध की वजह से लाखों लोगों को अपना घर छोड़कर जाना पड़ा है, लेकिन इसके साथ-साथ यहां रहने वाले जानवरों को भी भीषण संकट से गुजरना पड़ रहा है. कई जानवर अपने मालिक से दूर हो गए हैं. कई तस्वीरों में घायल जानवरों की स्थिति देखी जा सकती है जो दर्द से गुजरने के बावजूद बोल भी नहीं सकते.
हालांकि, यूक्रेन में कई ऐसे लोग भी नजर आए जो किसी भी हाल में अपने पालतू जानवरों को अपने साथ लेकर जाने की जिद पर अड़े रहे.
आर्या एल्ड्रिन 20 साल की हैं. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, वह भारत से मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गई थीं. लेकिन जब यूक्रेन में युद्ध के हालात बन गए तो वह साइबेरियन हस्की कुत्ते को अपने साथ लेकर आईं.
वह कहती हैं, अगर वह अकेले आ जाती तो दुनिया उनको सेल्फिश कहकर संबोधित करती. उनका रोमानिया के बॉर्डर के पास कुत्ते के साथ खींची फोटो वायरल हो गई.
युद्ध में कई जानवर हुए घायल
रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध को एक महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है. कई जानवरों को तो दूसरे देश में शरण भी मिली है. लेकिन कई यूक्रेन में ही फंसे हैं.
इस तस्वीर में एक शख्स कुत्ते को टूटे हुए पुल से इरपिन में ले जाता हुआ दिख रहा है. इरपिन कीव के उत्तर पश्चिम में मौजूद है. ये फोटो 28 मार्च की है. जहां कई लोग इस पुल को पार करते हुए देखे जा सकते हैं.
ये तस्वीर 28 मार्च की है. साउथ ईस्ट पोलैंड के प्रेज़ेमिसली में मौजूद वेटेनरी डॉक्टर एडीए फाउंडेशन सेंटर में बकरी का इलाज करते हुए नजर आए. इस बकरी के पैर में डॉक्टर ने प्लास्टर लगाया.
इस फोटो में एक महिला रूस यूक्रेन युद्ध के बाद क्षतिग्रस्त एक इमारत के बाहर अपने पालतू जानवर के साथ बैठी हुई है.
इस फोटो में एक कुत्ते का पैर टूटा हुआ दिख रहा है. ये फोटो दक्षिण पूर्व पोलैंड के प्रेज़ेमिसली की है, जहां डॉक्टर जैकब कोटोविच उसका इलाज कर रहे थे.
जानवर हो गए 'अनाथ'
वैसे यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद लाखों लोगों ने अपना देश छोड़ा और वहीं कई जानवरों के बेघर होने की जाने की खबरें भी सामने आईं. कई जगह जानवरों को शेल्टर में रखा गया. लीव में कई जानवरों के लिए रेस्क्यू होम बनाया है.
'अल जजीरा' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जानवरों के लिए रेस्क्यू होम चलाने वाले शेल्टर मैनेजर ओरेस्ट ज़ालिप्स्की कहते हैं, उनके यहां (लीव में) अकेले 1500 ऐसे जानवर मौजूद हैं.
कई जानवर तो युद्ध के बीच पहले दिन ही लीव स्टेशन पर मिले, जब कई मालिक इन पालतू जानवरों को प्लेटफॉर्म पर छोड़कर चले गए. ज़ालिप्स्की कहते हैं कि कोई ऐसा सिस्टम नहीं था, जिससे इन जानवरों को रखे जाने की व्यवस्था हो.
(Photos Credits- AP/AFP/Reuters, Photo Research- Nishwan Rasool)
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