
छत पर बेली डांस करना एक महिला प्रोफेसर पर भारी पड़ गया. इसकी वजह से यूनिवर्सिटी ने उन्हें निकाल दिया और अब, इस मामले में उच्च अदालत ने भी उनके खिलाफ फैसला दिया है. कोर्ट के फैसले के बाद अब महिला प्रोफेसर मोना प्रिंस किसी भी यूनिवर्सिटी में नहीं पढ़ा सकेंगी. यह घटना मिस्र की है.
प्रोफेसर मोना प्रिंस ने बेली डांस के वीडियोज फेसबुक भी पोस्ट किए थे. वहीं उनके बिकिनी वाले फोटो भी सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किए गए थे. उच्च अदालत के फैसले के बाद एक बार भी मोना प्रिंस चर्चा में हैं.
बीबीसी के मुताबिक, मिस्र की उच्च अदालत ने निचली अदालत के फैसले में कोई बदलाव नहीं किया. 'सुप्रीम एडमिनिस्ट्रेटिव कोर्ट' ने महिला प्रोफेसर मोना प्रिंस (Mona Prince) की अपील को खारिज कर दिया.
मोना प्रिंस, सुएज यूनिवर्सिटी (Suez University) में इंग्लिश लिटरेचर पढ़ाती थीं. यूनिवर्सिटी ने प्रोफेसर मोना प्रिंस को बेली डांस करने की वजह से निकाल दिया था.
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि महिला प्रोफेसर के वीडियोज ने यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के रूप में उनकी छवि को कमतर कर दिया, प्रोफेसर का कर्तव्य है कि वह अपने नैतिक मूल्यों को बनाए रखें और उन्हें बढ़ाएं.
कोर्ट ने कहा कि मोना शैक्षणिक पाठ्यक्रम से भटककर ऐसे विचार फैला रही थीं, जो सार्वजनिक व्यवस्था और विश्वास के विपरीत हैं.
मोना को यूनिवर्सिटी ने साल 2018 में वीडियोज की जांच करने के बाद निकाल दिया था. मोना ने इससे ठीक एक साल पहले बेली डांस के वीडियोज फेसबुक पेज पर शेयर किए थे. अब जो कोर्ट ने फैसला सुनाया है, इसके बाद वह सरकारी और प्राइवेट दोनों ही तरह की यूनिवर्सिटीज में नहीं पढ़ा सकेंगी.
मोना के फोटो और वीडियोज सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किए गए थे. उन्हें ऑनलाइन आलोचना का शिकार भी होना पड़ा था.