टीना डाबी को IAS परीक्षा देने से पहले कई बार ऐसा लगता था कि उनसे ये एग्जाम क्रैक नहीं होगा. 2016 के एक इंटरव्यू में टीना ने IAS की तैयारी के दौरान किन चीजों से हर दिन रूबरू होना पड़ता था, इस बारे में खुलकर बात की थी. आइए जानते हैं टीना डाबी के यूपीएससी टॉपर बनने की पूरी कहानी-
बता दें कि IAS टीना डाबी, राजस्थान में ही तैनात IAS प्रदीप गवांडे से शादी कर रही हैं. दोनों की सगाई हो चुकी है. प्रदीप गवांडे मूल रूप से महाराष्ट्र के रहने वाले हैं. 22 अप्रैल को टीना और प्रदीप जयपुर में शादी रचाएंगे.
13 साल बड़े शख्स से शादी करने पर क्या बोलीं टीना डाबी?
टीना ने 2016 के इंटरव्यू में बताया था कि 11वीं में तय कर लिया था कि उन्हें IAS ही बनना है. उन्होंने इस इंटरव्यू में ये भी माना था कि तैयारी के दौरान हर तीसरे दिन अकेलापन लगता था.
मिड्ल क्लास परिवार से आने वालीं टीना ने बताया था, 'रिजल्ट आने से पहले काफी नर्वसनेस थी, दिमाग में कई तरह की शंकाएं थीं. कुछ खाया भी नहीं था. नींद नहीं आ रही थी. बस दिमाग में ये चल रहा था कि रिजल्ट आने वाला है'.
पर रिजल्ट आने के बाद दुनिया बदल चुकी थी, लोग उन्हें जानने लगे थे. मीडिया का अटेंशन मिल रहा था. बहुत सारे कॉल आ रहे थे.
टीना डाबी को क्या पढ़ना है पसंद?
टीना डाबी से ये भी पूछा गया था कि उन्हें किस तरह की किताबें पसंद हैं? उनका जवाब था, फिक्शन में जेन ऑस्टिन और नॉन फिक्शन में अमर्त्य सेन, पी साईनाथ और बीआर अंबेडकर अच्छे लगते हैं. वहीं उन्होंने ये भी बताया कि बचपन में कॉमिक्स भी पढ़ी हैं. उनकी पसंदीदा कॉमिक्स 'आर्ची' और 'अमर चित्रकथा' थी.
कितने घंटे पढ़कर बनी थीं टॉपर
टीना डाबी ने अपनी दिनचर्या को लेकर भी बात की थी. उन्होंने बताया था कि कैसे उन्होंने IAS एग्जाम क्रैक किया? टीना ने बताया था कि ये परीक्षा काफी कठिन है क्योंकि टाइम देना होता है. हयू्मन ब्रेन की एक कैपिसिटी होती है, ऐसे में हमेशा तो पढ़ाई नहीं हो सकती है. खुद के बारे में टीना ने कहा था कि उन्होंने 8 घंटे तक रोजाना पढ़ाई की.
टीना ने नींद को लेकर एक अहम बात बोली थी, उन्होंने कहा था, 'अगर अच्छे से पढ़ाई करनी हो तो अच्छी नींद लेना भी जरूरी है. क्योंकि दिमाग 'वेल रेस्टेड' नहीं होगा तो आप अच्छे से पढ़ाई नहीं कर सकते. खुश भी होना जरूरी है.' टीना ने ये भी बताया था कि IAS की तैयारी के दौरान हर तीसरे दिन लगता था कि अब नहीं हो पाएगा. अब रहने देते हैं. इस परिस्थिति से हमेशा सामना करना पड़ता था.
कैसे मिला मोटिवेशन?
टीना डाबी ने 11वीं में तय कर लिया था कि उन्हें IAS ही बनना है. ऐसे में उनका 'वनट्रैक माइंड' था. उनका दिमाग एक तरफ ही था. क्योंकि सोच लिया था कि IAS ही करना है. इसलिए 100 प्रतिशत इसी तरफ लगा दिया. कई बार लगा कि नहीं होगा, तो माता-पिता ने मोटिवेट किया. उन्होंने खुद को भी मोटिवेट किया. टीना ने तब इंटरव्यू में बताया था, 'जब भी लगा कि नहीं हो पा रहा है तो खुद को सेल्फ मोटिवेट किया. खुद से कहा कि जब सोचा यही (IAS) था तो हाथ खड़े करने से क्या फायदा'?
तैयारी करने वालों के लिए गुरुमंत्र
टीना डाबी ने IAS की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को गुरुमंत्र भी दिया था. उन्होंने कहा था, 'ये एग्जाम काफी कठिन है, हर तीसरे दिन लगता है कि ये एग्जाम नहीं होगा. खुद पर भरोसा बनाए रखें. दोस्तों और रिश्तेदारों से बात करते रहें. धैर्य बनाए रखें. एक दिन वाला 'हार्ड वर्क' नहीं चलेगा, ये जरूरी नहीं कि 24 घंटे ही पढ़ें. हर दिन कंसिस्टेंट रहना होगा. ये किसी के लिए 5 या 8 घंटे हो सकता है. उम्मीद न खोएं. सेल्फ डिसिप्लिन होना बहुत जरूरी है. क्योंकि हर तीसरे दिन एक अकेलापन लगता है.'
जब आया एक डराने वाला कॉल
टीना डाबी ने इंटरव्यू में ये भी बताया था कि रिजल्ट आने के बाद उनके पास एक पैरेंट्स का कॉल आया था. वह बोल रहे थे, 'आप हमारी बेटी से बात कर लो, क्योंकि उसने कुछ भी खाया-पिया नहीं है. ये उसकी (बेटी की) जिंदगी और मौत का सवाल है.' टीना ने कहा था कि ये कॉल उनके लिए काफी डराने वाला था.