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8 लाख देने पर रिहा हुए थे भगवान! अब हर मुराद पूरी करते हैं 'वनखंडेश्वर महादेव'

Vankhandeshwar Mahadev Story: कासगंज जिले के सोरों तीर्थनगरी के वनखंडेश्वर महादेव आठ लाख रूपये की जमानत पर रिहा होकर आए थे, तबसे इनकी और अधिक मान्यता बढ़ गई है.

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वनखंडेश्वर महादेव
वनखंडेश्वर महादेव
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कासगंज के वनखंडेश्वर महादेव का मामला
  • 20 साल पहले जमानत पर रिहा हुई थी मूर्ति

सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की आराधना का विशेष महत्व है. आज हम ऐसे महादेव की बात करेंगे, जो आठ लाख की जमानत पर कोर्ट से रिहा हुए थे. कासगंज जिले के सोरों तीर्थनगरी के वनखंडेश्वर महादेव आठ लाख रूपये की जमानत पर रिहा होकर आए थे, तबसे इनकी और अधिक मान्यता बढ़ गई है.

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कासगंज मुख्यालय से मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर सोरों के भागीरथी गुफा के सामने स्थित वन खंडेश्वर महादेव की लीला बिल्कुल अपरम्पार है.  26 फरवरी 1973 यानी 48 साल पहले चार फुट ऊंची लंबी मूर्ति को अलीगढ़ के छह चोर चुरा कर ले गए थे. इस प्राचीन मूर्ति के चोरी होने से स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश पनप गया था.

अलीगढ़ के थाना परिसर में स्थापित की गई थी मूर्ति

मूर्ति को चुराने वाले चोर एक के बाद एक संक्रामक बीमारियों से मरने लगे, घबराए चोरों ने अलीगढ़ के थाना पाली मुकीमपुर में खबर भेजी कि वह उनके द्वारा चोरी की गयी मूर्ति को बरामद कर ले जाएं. चोरी की वारदात के 20 साल बाद यानी 22 मई 1993 को कार्रवाई की गई. फिर इस चमत्कारी मूर्ति को पुलिस ने थाना परिसर में ही स्थापित कर दिया था.

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इसके बाद सोरों वासियों को खबर लग गयी कि उनके यहां से चोरी हुई मूर्ति अलीगढ़ के पाली मुकीमपुर थाना परिसर में स्थापित है. मूर्ति वापस लाने के लिए सोरों और आस पास के कई ग्रामीण भारी संख्या में एकत्रित होकर अलीगढ़ के पाली मुकीमपुर थाने में जा पहुंचे, पर पुलिस ने उन्हें मूर्ति वापस नहीं दी.

8 लाख रुपये की जमानत

मूर्ति पाने की दावेदारी के लिए सोरों वासियों ने अलीगढ़ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. पेश किए गए सुबूतों के आधार पर अलीगढ़ की अदालत ने यह तय किया कि आठ लाख रुपये की जमानत पर ही इस मूर्ति को दावेदारों के सुपुर्द किया जाएगा. भगवान को पाने के लिए आठ लाख रुपये की जमानत देनी होगी.

चार किसानों ने दिए थे पैसे 

अदालत के फैसले के बाद श्यामपुरी, शिवपुरी, मुरारी व सुभाष उर्फ पप्पू चौधरी ने अपनी-अपनी 2-2 लाख की भूमि को बंधक कराकर आज से 20 वर्ष पहले मूर्ति को आजाद कराया था. जिसके बाद बड़े ही हर्षोल्लास के साथ फिर उसी मंदिर में वनखण्डेश्वर महादेव की मूर्ति को पुनः विधि विधान से स्थापित किया गया. 

आज भी यहां भगवान वनखण्डेश्वर महादेव जमानत पर चल रहे हैं और जमानत वाले वनखंडेश्वर महादेव के दर्शन करने के लिए श्रावण महीने में भक्तों की भीड़ लगी रहती है. मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन और श्रद्धा के दर्शन कर मुराद मांगता है, उनकी मुरादें पूरी होती है.

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(रिपोर्ट- अरयेंद्र सिंह)

 

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