वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे के बीच अमेरिका का एक 29 साल पुराना वीडियो वायरल हो रहा है. यह वीडियो अमेरिका के सीएनएन टीवी चैनल की रिपोर्टिंग का है. आइए जानते हैं अमेरिका के पार्क में पूजे गए 'शिवलिंग' की कहानी.
मामला साल 1993 का बताया जा रहा है. वीडियो में CNN के एंकर बर्नार्ड शॉ हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि सैन फ्रांसिस्को के गोल्डेन गेट पार्क में एक पत्थर है, जिसकी पूजा करने दूर-दूर से लोग आते हैं. हालांकि, बाद में यहां पर एक मंदिर बनाने की मांग उठी. जिसे तब खारिज कर दिया गया था.
बाद में इस पत्थर को लेकर द न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार में साल 1994 में एक रिपोर्ट छपी थी. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पत्थर को गोल्डेन गेट पार्क से हटाकर एक आर्टिस्ट के स्टूडियो में शिफ्ट कर दिया गया है.
यह पत्थर 4 फीट ऊंचा और बुलेट की शेप में था और शिवलिंग की तरह दिखता है. इस पार्क में एक सिटी क्रेन ऑपरेटर ने कुछ सालों पहले इसे ऱखा था. हिंदुओं को यह दिखा. और वह इसकी पूजा करने लगे. बाद में प्रशासन ने इसे पार्क से हटाने का फैसला किया.
इस मामले को लेकर खुद को विजिनरी आर्टिस्ट बताने वाले माइकल बोवेन (हिंदू नाम कालिदास) सामने आए. उन्होंने एक मुकदमा दर्ज करवाया और कहा कि पत्थर को यहां से हटाने के फैसले के खिलाफ लड़ेंगे. लेकिन तब उन पर 14,000 हजार डॉलर का जुर्माना लगा दिया गया था. फिर वहां पर भिखारियों और स्ट्रीट पर रहने वाले दूसरे लोगों की जमावट होने लगी. इसके बाद बोवेन ने पत्थर हटाने के फैसले को मान लिया.
जिसके बाद क्रेन ऑपरेटर वापस आया. और उस पत्थर को नई जगह पर शिफ्ट कर दिया. बोवेन ने कहा कि अब यहां आकर लोग इसकी पूजा कर सकते हैं.