कुछ लोगों का कहना है कि ये तस्वीर इंसानियत को शर्मसार करने वाली है! कुछ इसे भारत से जोड़ रहे हैं तो कुछ इसे पाकिस्तान का बता रहे हैं. सोशल मीडिया पर इसे हजारों बार शेयर किया जा चुका है. कुछ लोग इस तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति को सीवेज वर्कर बता रहे हैं तो कुछ का कहना है कि ये खेतों में काम करने वाले किसान हैं.
@KaleemDean नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है कि एक सीवेज क्लीनर को पाकिस्तान में काम खत्म करने के बाद इस तरह खाना दिया जा रहा है. वहीं, पीटर फर्नांडीस ने फेसबुक पर लिखा कि बुलेट ट्रेन, दुनिया के सबसे बड़े स्टैच्यू, ऊंची इमारत का कोई मतलब नहीं है, अगर हम एक भूखे को खाना नहीं खिला सकते, उसकी स्थिति में बेहतरी नहीं ला सकते. इनकी जिंदगी कम मूल्यवान नहीं है. ठहरिए और सोचिए.
कुछ लोगों ने इस तस्वीर पर यूं कमेन्ट किया- अक्षम्य! बहुत दुखद! कोई शब्द नहीं! बहुत दर्दनाक! असहनीय! बिल्कुल अमानवीय!
वहीं, कुछ लोगों ने तस्वीर को लेकर सरकार की आलोचना किए जाने पर सवाल उठाए हैं. एक शख्स ने लिखा- जो लोग अपने देश की आलोचना कर रहे हैं, क्या आपने वेरिफाई किया है कि ये तस्वीर भारत की है भी या नहीं!
असल में, ये तस्वीर रियल है या फेक, कहां की है, इसकी सही जानकारी अब तक उपलब्ध नहीं है.
वहीं, इस तरह खाना खाने की अन्य घटना की बात करें तो एक बार झारखंड के अस्पताल में ऐसा हुआ था. 2016 में राजेंद्र इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में एक महिला मरीज को फर्श पर खाना देने का मामला सामने आया था. आर्थो वार्ड के कॉरिडोर में मुन्नी देवी नाम की मरीज को किचन स्टाफ ने फर्श पर ही खाना परोस दिया गया था. तब स्वास्थ्य सचिव ने स्टाफ को बर्खास्त करने का आदेश दिया था.