जापान में पहली बार एक ऐसा स्कूल शुरू किया गया है, जहां विद्यार्थी और अध्यापक एक-दूसरे से इंटरनेट पर अपने-अपने अवतारों के जरिए संपर्क करते हैं. जापान का यह स्कूल ऐसे लोगों को शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से खोला गया है, जो एगोराफोबिया की तरह के विकार से पीड़ित होते हैं. ऐसे लोगों को जापान में 'हिक्कियोमोरी' कहा जाता है.
24 अप्रैल से शुरू हुए इस स्कूल के पहले बैच में 204 विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है. इस स्कूल में पाठ्यक्रम के लिए प्रतिवर्ष का शुल्क 180,000 येन (1,500 डॉलर) रखी गई है.
इस स्कूल से अध्ययन पाने के लिए विद्यार्थी अपने विशिष्ट अवतार बना सकते हैं, जिसके लिए अनगिनत हेयर स्टाइल से लेकर वस्त्रों के चयन का विकल्प मौजूद है. हालांकि इस स्कूल में विद्यार्थियों के लिए अपने अवतारों के जरिए ही नियमित उपस्थित होना अनिवार्य है. विद्यार्थियों को इसके लिए अपने कंप्यूटर, टैबलेट या मोबाइल फोन पर एक सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करना होता है.
स्कूल में प्रयोग किए जा रहे सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के जरिए विद्यार्थी अपने अवतार को अध्ययन के लिए कक्षा में भेजने का निर्देश दे सकता है. साथ थी किसी ऑडियो या विजुअल सामग्री या ईबुक का उपयोग कर सकता है. यहां तक कि अन्य विद्यार्थियों और अध्यापकों के अवतारों से चैट इंटरफेस के जरिए संपर्क भी कर सकता है.
जापान स्थित चिबा क्षेत्र के मेइसेइ हाई स्कूल ने इस आभासी स्कूल को शुरू किया है. मेइसेइ हाई स्कूल लंबे समय से दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम के जरिए स्नातक की शिक्षा देता रहा है.
इनपुट: आईएएनएस