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ऑस्ट्रेलिया में नहीं होगा इंग्लैंड जैसा हश्रः द्रविड़ | सफरनामा

लगातार दो टेस्ट मैच में हार से भारतीय टीम के मनोबल पर बुरा असर पड़ा है और सीनियर बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने उम्मीद जताई है कि यह दौरा पिछले साल के इंग्लैंड दौरे जैसा ना साबित हो जहां भारत चारों टेस्ट और वनडे सीरीज हार गया था.

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राहुल द्रविड़
राहुल द्रविड़

लगातार दो टेस्ट मैच में हार से भारतीय टीम के मनोबल पर बुरा असर पड़ा है और सीनियर बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने उम्मीद जताई है कि यह दौरा पिछले साल के इंग्लैंड दौरे जैसा ना साबित हो जहां भारत चारों टेस्ट और वनडे सीरीज हार गया था.

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द्रविड़ ने पत्रकारों से कहा, ‘यह अहम है कि हमारा वह हश्र ना हो. उम्मीद है कि हम बेहतर खेल दिखा सकेंगे. हमने मेलबर्न में इसकी बानगी पेश की. हमें इंग्लैंड दौरे जैसी स्थिति से बचना होगा.’

हालांकि खुद द्रविड़ के लगातार बोल्ड होने, सचिन तेंदुलकर पर सौवें अंतरराष्ट्रीय शतक के दबाव और वीवीएस लक्ष्मण को बाहर करने की मांग के बीच भारत के लिये यह काम आसान नहीं लगता.

द्रविड़ ने कहा, ‘मैं कुछ चीजों पर मेहनत कर रहा हूं. तीन बार बोल्ड होने के बाद इस पर मेहनत करना जरूरी है. मैने कुछ चीजों पर काम किया है लेकिन यह बहुत बड़ी बात नहीं है. मैंने इंग्लैंड दौरे के वीडियो देखे हैं और मुझे कुछ अलग नहीं लगता. यह इत्तेफाक भी हो सकता है.’

उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि लक्ष्मण को बाहर करने की मांग का असर उनके खेल पर पड़ा है. मैने तो नहीं देखा और ना ही लक्ष्मण इससे चिंतित है. यह खेल का हिस्सा है. ऐसा ही होता है. उम्मीद है कि वह आने वाले टेस्ट मैचों में अच्छा खेलेगा.’

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उन्होंने कहा, ‘जहां तक सचिन के सौवें शतक की बात है तो वह इसे लेकर विचलित नहीं है. वह अच्छी बल्लेबाजी कर रहा है. उसने मुंबई में 90 और पिछले दो मैच में 70 तथा 80 रन बनाये. वह शतक बना लेगा और यहां बनाता है तो सोने पर सुहागा होगा.’

आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों को लय हासिल नहीं करने दी है जिससे यह बहस शुरू हो गई है कि क्या आक्रमण ही उनके खिलाफ सर्वश्रेष्ठ हथियार है. द्रविड़ ने कहा,‘एक ही रणनीति हर जगह कारगर साबित नहीं होती. आपको यह तय करना होता है कि अपने कैरियर में आपको किस आधार पर कामयाबी मिली है. आपको वही करना चाहिए जिसमें आप माहिर हैं. कोई एक ही तरीका नहीं होता. मैं वीरू की तरह बल्लेबाजी नहीं कर सकता और वह मेरी तरह नहीं है. हर कोई अलग है.’

उन्होंने कहा,‘हर किसी की अपनी रणनीति होती है और अहम यह है कि उस पर अमल करना जरूरी है. ऐसा करना कठिन है और दबाव में इसे बरकरार रखना मुश्किल. हमें आस्ट्रेलिया को लंबे समय तक मैदान पर रखना होगा.’ भारत के युवा बल्लेबाजों के लिये हालात चुनौतीपूर्ण है लेकिन द्रविड़ ने कहा कि उनसे कोई औपचारिक बातचीत नहीं की है.

उन्होंने कहा, ‘कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई है. ड्रेसिंग रूम में, टीम डिनर या गो कार्टिंग पर बातचीत होती है जो मददगार साबित होती है. यह कोई पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन नहीं है.’

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द्रविड़ ने कहा, ‘हम एक दूसरे से बात करते हैं. जूनियर, सीनियर से और सीनियर जूनियर से और यह स्वस्थ वार्तालाप होता है.’

आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, ‘आस्ट्रेलिया ने अच्छी गेंदबाजी की और उन्हें इसका श्रेय दिया जाना चाहिये. उन्होंने सही लाइन और लैंग्थ से गेंदबाजी की.’

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