राष्ट्रमंडल खेलों के यहां आयोजन के खिलाफ अपने अभियान को जारी रखते हुए पूर्व खेल मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर ने दिल्ली में इन खेलों के आयोजन पर सवाल उठाये और कहा कि यदि इन्हें मणिपुर में आयोजित किया जाता तो यह आतंकवादियों को करारा जवाब होता.
दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों से यहां बातचीत के दौरान अय्यर ने हैरानी जतायी कि इस तरह की बड़ी प्रतियोगिताओं को दिल्ली में ही क्यों आयोजित किया जाता है. यदि इसे दिल्ली में आयोजित ही किया जाता है तो बवाना जैसे बाहरी क्षेत्रों को क्यों नजरअंदाज कर दिया जाता है.
खेलों के कटु आलोचक रहे अय्यर ने कहा, ‘मणिपुर छोटा राज्य है जब मैं खेल मंत्री था तब हुए राष्ट्रीय खेलों में उसने सबसे अधिक पदक जीते थे. यदि (राष्ट्रमंडल खेलों के अनुमानित खर्चे) 35 हजार करोड़ रुपये को मणिपुर में खर्च किया जाता. यदि हम वहां राष्ट्रमंडल खेल करवाते तो यह आतंकवादियों को करारा जवाब होता.’
उन्होंने कहा, ‘इंफाल में बहुत अच्छी सुविधाएं हैं फिर इस तरह के खेलों को बार बार दिल्ली में ही क्यों आयोजित किया जाता है.’ अय्यर ने खेलों की आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि उन्हें देश का खेल मंत्री होने के बावजूद राष्ट्रीय खेलों में नहीं बुलाया गया था.
उन्होंने इसके साथ ही कहा कि खेलों का आयोजन बाहरी दिल्ली के बवाना में क्यों नहीं कराया जहां बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति के लोग रहते हैं. उन्होंने कहा, ‘क्या यह क्षेत्र केवल कूड़ा कचरा डालने के लिये ही है. आप लोगों को क्या संदेश दे रहे हो.’