उत्तर प्रदेश सरकार ने आमिर खान की फिल्म 'पीके' को राज्य में टैक्स फ्री करके हिंदूवादी संगठनों को और नाराज़ कर दिया. अभी तक तो केवल आमिर खान और राजकुमार हिरानी के पोस्टर और पुतले जलाए जा रहे थे, अब सपा सरकार की बारी है.
रिलीज़ होने के साथ ही पूरे देश में 'पीके' का विरोध शुरू हो गया था. तमाम विरोधों के बावजूद फिल्म ने दो हफ्ते में ही 250 करोड़ से ज़्यादा की कमाई कर डाली. लेकिन हिंदूवादी संगठनों ने फिल्म में हिंदू धर्म का मजाक बनाए जाने की शिकायत कर इसका विरोध जारी रखा. फिल्म के खिलाफ भगवा संगठन सड़कों पर हैं. इसी दौरान उत्तर प्रदेश की सरकार ने इस फिल्म को टैक्स फ्री करने का ऐलान कर दिया. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यह फैसला फिल्म 'पीके' को देखने के बाद लिया. उनका मानना है कि फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं जिस पर एतराज किया जाए.
कई राज्यों से 'पीके' के खिलाफ आंदोलन की खबरें आ रही है. हालांकि फिल्म देख चुके कई लोगों का मानना है कि फिल्म पाखंड और धर्म के नाम पर होने वाले दिखावे के खिलाफ एक अच्छा संदेश देती है. उस पर विवाद खड़ा करना मुनासिब नहीं है. फिल्म जगत भी इस फिल्म के खिलाफ होने वाले आंदोलन से हैरान है. लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले को सियासत से जोड़ कर देखा जा रहा है. भगवा संगठनों ने कहना शुरू कर दिया है कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने जानबूझकर इस फिल्म को टैक्स फ्री किया है. क्योंकि इस फिल्म के मुख्य अभिनेता आमिर खान हैं और ये फिल्म हिंदू धर्म का मज़ाक बनाती दिखती है.
विपक्ष की तरफ से खुलकर इस मामले पर अभी प्रतिक्रिया आना बाकी है. लेकिन जानकारों का कहना है कि सपा सरकार को विवादित मामलों में टांग अड़ाने की आदत सी हो गयी है. जहां उन्हें सियासी फायदा दिखता है वो बिना सोचे फैसले ले लेते हैं. इस फिल्म को लेकर भी यूपी की सरकार का फैसला सोची समझी रणनीति है. बहरहाल, यूपी में भी फिल्म पीके के खिलाफ धरना प्रदर्शन चल रहे हैं. राज्य के सिनेमाघर संचालकों ने सुरक्षा बढ़ाए जाने की मांग पुलिस-प्रशासन से की है.
टैक्स फ्री हो जाने के बाद से यूपी में 'पीके' के खिलाफ चल रहा विरोध प्रदर्शन तेज़ हो गया है. अब देखने वाली बात ये है कि भारी विरोध झेल रही फिल्म 'पीके' को यूपी के बाद और कौन सा राज्य अपने यहां टैक्स फ्री करने की हिम्मत जुटाएगा.