स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल भले ही इस साल मामूली अंतर से दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनने से चूक गई हों लेकिन इस दिग्गज ने कहा कि वह जिस चीज की हकदार हैं उसे अपनी कड़ी मेहनत से हासिल कर लेंगी और अगले बरस इस अभियान की नयी शुरूआत करेंगी.
इस साल राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक सहित पांच खिताब जीतने के बावजूद सायना विश्व रैंकिंग में दूसरे नंबर तक ही पहुंच सकी और बेहद मामूली अंतर से दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनने से चूक गई. वह चोट के कारण इसी महीने इंडियन ओपन ग्रां प्री में भी नहीं खेली जिससे अहम रैंकिंग अंक हासिल नहीं कर पाई.
सायना ने कहा, ‘जो भी होता है हमेशा अच्छे के लिए होता है. मैं भले ही इंडियन ओपन में नहीं खेलने के कारण जरूरी अंक नहीं जुटा पाई हूं लेकिन जो मेरा है उसे मैं अपनी कड़ी मेहनत से हासिल कर लूंगी. मैं नंबर एक बनने के लिए नयी शुरूआत करूंगी.’
सायना के लिए 2010 काफी सफल रहा और उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों के अलावा इंडियन ओपन ग्रां प्री, सिंगापुर ओपन सुपर सीरीज, इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज और हांगकांग ओपन सुपर सीरीज का खिताब जीता.
वह हालांकि साल के 50वें हफ्ते की विश्व रैंकिंग में लगभग 2300 अंक से दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनने से चूक गई.{mospagebreak}
सायना को हालांकि अब तक दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी नहीं बन पाने का मलाल नहीं है. उन्होंने कहा, ‘नंबर एक बनना मानिसक तौर पर संतोषजनक हैं लेकिन अब भी कई बेहतर खिलाड़ी मौजूद हैं इसलिए मुझे नंबर एक नहीं बन पाने का मलाल नहीं है.’
सायना के पास इंडियन ओपन में जीत के साथ दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनने का मौका था जहां वह शीर्ष वरीय और खिताब की प्रबल दावेदार थी लेकिन टखने की चोट के कारण उन्हें इस प्रतियोगिता से हटना पड़ा.
हैदराबाद ही इस स्टार खिलाड़ी ने कहा, ‘मेरी चोट गंभीर नहीं है. यह मुझे हांगकांग ओपन के फाइनल के दौरान लगी जब मैं जीत से कुछ अंक दूर थी. यह यात्रा के दौरान बढ़ गई और इंडियन ओपन के समय असहनीय हो गई. थोड़ी सूजन है जो कम हो रही है. फिजियो ने मुझे दवाई दी है और आराम का सुझाव दिया है.’ सायना ने साथ ही साफ किया कि वह पांच से नौ जनवरी तक चीनी ताइपे में होने वाले सुपर सीरीज फाइनल में भी हिस्सा नहीं लेंगी.
उन्होंने कहा, ‘मैं सुपर सीरीज फाइनल में नहीं खेलूंगी क्योंकि मैं मलेशिया और कोरिया ओपन के लिए तैयारी कर रही हूं और इन दोनों टूर्नामेंट में शिरकत करूंगी.’ दुनिया की इस दूसरे नंबर की खिलाड़ी ने कहा कि भारत में बैडमिंटन का दायरा बढ़ाने और अधिक खिलाड़ियों को इस खेल से जुड़ने के लिए प्रेरित करने के लिए देश में अधिक से अधिक शीर्ष टूर्नामेंटों का आयोजन जरूरी है.
हैदराबाद ही इस खिलाड़ी ने कहा, ‘भारत में बैडमिंटन का भविष्य उज्जवल है लेकिन अब भी भारत में किसी सुपर सीरीज टूर्नामेंट का आयोजन नहीं होता. हमें भारत में अंतरराष्ट्रीय स्तर के अधिक टूर्नामेंटों की जरूरत है जिससे हमें घरेलू सरजमीं पर ही अधिक मैच खेलने का अनुभव मिल जाएगा.’
सायना ने अपनी सफलता में कोच पुलेला गोपीचंद और अपने परिवार की भूमिका को अहम बताते हुए कहा कि इनके सहयोग के बिना वह यह सफलता हासिल नहीं कर पाती.